अमरावती, 13 अक्तूबर.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 99 वर्षों से निःस्वार्थ भाव से हिन्दुत्व का भाव जगाने के लिए कार्य कर रहा है. अध्यात्म ने सभी को एक सूत्र में पिरोया है. हिन्दुत्व और आध्यात्मिकता ही भारत की वास्तविक पहचान है. मनमोहन वैद्य जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अमरावती महानगर के विजयादशमी उत्सव में संबोधित कर रहे थे. इस दौरान मंच पर टोंगसे पाटिल बिल्डकॉन सोल्युशन्स के अध्यक्ष श्रीकृष्ण जी टोंगसे, विभाग संघचालक चन्द्रशेखर जी और महानगर संघचालक उल्हास जी बपोरीकर उपस्थित थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया.
मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि हमने कोरोना के कठिन समय का अनुभव किया है. इस दौरान सरकारी कर्मचारियों के साथ आम नागरिक भी सेवा कार्य के लिए घर से बहार निकले. ऐसा दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिला, लेकिन भारत में जो हुआ वह हमारा वैशिष्ट्य है. अध्यात्म उसका आधार था. अध्यात्म सभी को जोड़कर रखता है. सत्य, एकता, ईश्वरत्व और उपासना, यह इसके चार पहलू हैं. भारत देश एक समाज है. विदेशियों ने हमारे देश पर आक्रमण किया, शासन किया, लेकिन यह देश सदैव अपराजित रहा. समाज को जागृत करने के लिए अध्यात्म के आधार पर हिन्दुत्व का चिंतन होना आवश्यक है.
मुख्य अतिथि श्रीकृष्ण टोंगसे ने कहा कि भारत, भारत जैसा ही रहे, इसके लिए संघ का काम निरंतर, अविरत जारी है. संघ के काम को बल देना चाहिए, संघ में शामिल होना चाहिए. हमें हिन्दुत्व के लिए काम करना है. उन्होंने अभिभावकों से अगली पीढ़ी को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करने का आह्वान किया.
चन्द्रशेखर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया. परिचय एवं प्रास्ताविक महानगर संघचालक उल्हास बपोरीकर ने रखा. स्वयंसेवकों ने प्रदक्षिणा संचलन, दंड, नियुद्ध, व्यायाम योग, योगासन, घोष, सांघिक गीत, शारीरिक प्रात्यक्षिकों का प्रदर्शन किया. श्रीमती नरसम्मा कॉलेज परिसर से स्वयंसेवकों का पथसंचलन निकला. मार्ग में जगह-जगह पर नागरिकों ने स्वयंस्फूर्त पुष्प वर्षा कर पथ संचलन का स्वागत किया. उत्सव में बड़ी संख्या में संत गण, महानगर के गणमान्य नागरिक, संघ प्रेमी नागरिक, माताएं-बहनें उपस्थित रहीं.