प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकी संगठनों का नया नेतृत्व ना पनपने देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. इस साल अपने अधिकांश कमांडरों के मारे जाने से आतंकी गुटों व उनके समर्थकों में बौखलाहट है. सुरक्षा बलों ने श्रीनगर में शुक्रवार से रविवार सुबह तक 36 घंटे की अवधि में 10 आतंकियों को मार गिराने में सफलता हासिल की.
सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के पंथाचौक में रविवार तड़के उन 3 आतंकियों को मार गिराया जो मोटर साइकिल पर सवार होकर आए थे और उनके हमले में पुलिस का एक एएसआई वीरगति को प्राप्त हो गया था. श्रीनगर के पंथा चौक पर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त नाके पर शनिवार देर रात को मोटर साइकिल सवार आतंकियों ने गोलीबारी की. इसके बाद सुरक्षा बलों ने सारे क्षेत्र को घेर लिया. कश्मीर जोन की पुलिस ने बताया कि क्षेत्र में जब तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, तभी आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर दोबारा फायरिंग की. गोलीबारी में पुलिस के एएसआइ बाबू राम वीरगति को प्राप्त हुए. रविवार तड़के तक मुठभेड़ में 3 आतंकियों को मार गिराया गया.
दक्षिण कश्मीर में हुई 2 अलग-अलग मुठभेड़ों में 7 आतंकियों को ढेर किया गया है. शनिवार तड़के भी पुलवामा में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के 3 आतंकियों को ढेर कर दिया. इससे पहले शुक्रवार सुबह शोपियां के किलूरा में सुरक्षाबलों ने अल-बदर के जिला कमांडर शकूर पर्रे सहित 4 आतंकियों को मार गिराया था. पुलवामा में मारे गए आतंकियों की पहचान आदिल हफीज, अरशद अहमद डार और रउफ अहमद के रूप में हुई है. उनके पास से एक असॉल्ट राइफल और दो पिस्तौल भी बरामद की गई हैं. आदिल अगस्त 2019 में आतंकी बना था. वहीं, अरशद और रउफ दोनों ही करीब आठ दिन पहले आतंकी संगठन में शामिल हुए थे.
शनिवार को पुलवामा (Pulwama) में सुरक्षाबलों की आतंकियों से हुई मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए थे. सीआरपीएफ की जॉइंट टीम, सेना की 50 राष्ट्रीय राइफल्स (50 RR) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया था. मारे गए आतंकियों की पहचान आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी है.