प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना ने बंगाल की खाड़ी में एयर लॉन्च्ड ब्रह्मोस मिसाइल का सुखोई-30 एमकेआई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया. मिसाइल ने खाड़ी में लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया. परीक्षण के साथ ही भारतीय वायुसेना ने सुखोई फाइटर जेट से जमीन या समुद्र में लंबी दूरी के टारगेट्स पर निशाना लगाने की क्षमता हासिल कर ली है. अब प्रेसिसन स्ट्राइक करने की क्षमता बढ़ गई है.
परीक्षण प्रक्रिया में भारतीय वायुसेना के साथ डीआरडीओ, भारतीय नौसेना, बीएपीएल, HAL शामिल थे. ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड वर्जन मिसाइल की वजह से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट्स की मारक क्षमता बढ़ गई है. युद्ध की स्थिति में ये दुश्मन के होश उड़ा देंगे.
ब्रह्मोस के इस नए वर्जन की रेंज 800 किलोमीटर होगी. यानि हमारे फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं. हालांकि, इस संबंध में वायुसेना या सरकार की तरफ इसे लेकर कोई बयान नहीं आया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग एक माह पहले भी सुखोई 30 एमकेआई फाइटर जेट से भारतीय नौसेना के डिकमीशन्ड जहाज पर ब्रह्मोस मिसाइल से लाइव फायर किया गया था. भारत सरकार लगातार टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज को बढ़ा रही है. सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने से मिसाइल की रेंज में 500KM की बढ़ोतरी होती है. भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं. ये मिसाइलें दुश्मन के कैंप को पूरी तरह से तबाह कर सकती हैं.
8 दिसंबर, 2021 को वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया. मिसाइल ने तय मानकों को पूरा करते हुए दुश्मन के ठिकाने को ध्वस्त कर दिया था. फाइटर जेट में लगाई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रैमजेट इंजन तकनीक का उपयोग किया गया है. इससे पहले ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण जुलाई 2021 में किया गया था.
भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है. इसके अलावा पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण जारी है. अगले साल तक इन फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी पूरी होने की संभावना है.
ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकती है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है, यानि दुश्मन के राडार को धोखा देना इसे बखूबी आता है. सिर्फ राडार ही नहीं यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है.