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सर्वोच्च न्यायालय – अवमानना के मामले में माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज

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नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय ने आज सुनवाई के पश्चात भगोड़े व्यापारी विजय माल्या को झटका देते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी. विजय मल्या को न्यायालय की अवमानना का दोषी पाया गया था. माल्या ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया.

याचिका पर सुनवाई के पश्चात मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. माल्या ने नौ मई, 2017 के उस आदेश पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें उसे न्यायिक आदेशों को दरकिनार कर अपने बच्चों के खातों में चार सौ मिलियन अमेरिकी डॉलर स्थानांतरित करने पर अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया गया था.

न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने मामले में दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायालय ने जून में अपनी रजिस्ट्री को यह बताने के लिए कहा था कि बीते तीन साल में विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका को संबंधित न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया. उसने रजिस्ट्री को बीते तीन साल में याचिका से संबंधित फाइल को देखने वाले अधिकारियों के नामों सहित सभी जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए कहा था.

नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में आरोपी माल्या फिलहाल ब्रिटेन में है. शीर्ष अदालत ने 2017 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह की याचिका पर वह आदेश दिया था. याचिका में कहा गया था कि माल्या ने कथित रूप से विभिन्न न्यायिक आदेशों का ”खुलेआम उल्लंघन” कर ब्रिटिश कंपनी डियाजियो से प्राप्त चार करोड़ अमेरिकी डॉलर अपने बच्चों के खातों में स्थानांतरित किए थे.

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