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एक परिवार की जिद ने घोंट दिया था लोकतंत्र का गला; आपातकाल के दंश की भयावह गाथा

आज के दौर में बहुतेरे युवाओं को उन स्‍याह दिनों के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी, जिसे आपातकाल कहा जाता है. दरअसल, भारत में...

आपातकाल में समस्त लोकतांत्रिक अधिकार समाप्त कर दिए गए थे – हरेन्द्र कुमार

शिमला. पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा विश्व संवाद केन्द्र शिमला (हिमाचल प्रदेश प्रांत) के संयुक्त तत्वाधान में ‘आपातकाल की विभीषिका’ विषय पर...

यादों में आपातकाल – राहुकाल से लोकतंत्र के निकलने की शेषकथा..!

जयराम शुक्ल चाटुकारिता भी कभी-कभी इतिहास में सम्मान योग्य बन जाती है. आपातकाल के उत्तरार्ध में यही हुआ. पूरे देश भर से चाटुकार कांग्रेसियों और...

यादों में आपातकाल – एक

अनुशासन का शर्मनाक यातना पर्व...! जयराम शुक्ल पंद्रह अगस्त, 26 जनवरी यदि सरकारी आयोजन न होते तो पब्लिक इन्हें कब का भुला चुकी होती. लेकिन...