करंट टॉपिक्स

पंच परिवर्तन राष्ट्रधर्म और युगधर्म दोनों से जुड़ा है – दत्तात्रेय होसबाले जी

'यात्रा पर गर्व, लक्ष्य पाना शेष' नव वर्ष या उगादी उत्सव (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) के अवसर पर कन्नड़ साप्ताहिक पत्रिका विक्रमा ने संघ शताब्दी पर...

सभी को साथ लेकर चलने से बनेगा विकसित भारत – स्वान्त रंजन जी

लखनऊ. राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्‍वान्‍त रंजन जी ने कैसरबाग स्थित कला मण्‍डपम् में आयोजित राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के विशेषांक  'विकसित...

दिवेर विजय ने मुगल आक्रांताओं के विरुद्ध झंडा थामे नायकों में प्रेरणा का संचार किया था – अरुण कुमार

उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि दिवेर विजय सिर्फ मेवाड़ के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं थी, बल्कि यह भारत...

संविधान की हत्या करने वाली तानाशाही के स्वर्णिम किस्से..!!

कृष्णमुरारी त्रिपाठी देश में गाहे-बगाहे इमरजेंसी, तानाशाही, हिटलरशाही जैसे शब्द सुनाई देते रहते हैं. हताशा से भरा एक वर्ग अपना राग अलापता रहता है. लोकतंत्र...

एकता में विविधता भारतीय संस्कृति की विशेषता है – डॉ. मनमोहन वैद्य जी

श्रीमद्भगवद्गीता और पत्रकारिता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन पुणे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि हमारे देश व...

राम मंदिर जैसा आन्दोलन दुनिया में कहीं नहीं हुआ – डॉ. कृष्णगोपाल जी

अयोध्या. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि राष्ट्रधर्म पत्रिका का विशेष अंक समाज की नई पीढ़ी को भगवान श्रीराम...

समर्पण व अनुशासन के पर्याय थे संकठा प्रसाद सिंह – दत्तात्रेय होसबाले जी

लखनऊ. भारतीय किसान संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री ठाकुर संकठा प्रसाद सिंह की शताब्दी जयंती पर उनके जीवन पर आधारित...

बौद्धिक गुलामी से मुक्ति के लिए प्रारंभ हुआ राष्ट्रधर्म – दत्तात्रेय होसबाले जी

लखनऊ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने बुधवार को डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान के सभागार में राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के विशेषांक ‘राष्ट्रीय...

हिन्दू संस्कृति के मूलभूत तत्व वनवासी समाज की परम्पराओं का हिस्सा हैं – जे. नंदकुमार जी

मानगढ़ धाम बलिदान दिवस पर जनजातीय चेतना परिषद, उदयपुर ने आयोजित की संगोष्ठी उदयपुर. भारत में यदि वनवासी हिन्दू नहीं हैं तो कोई भी हिन्दू...

अमृत महोत्सव लेखमाला – सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ : भाग 16

सुभाष चंद्र बोस ने किया था ब्रिटिश साम्राज्य पर निर्याणक प्रहार नरेन्द्र सहगल “तुम मुझे खून दो - मैं तुम्हें आजादी दूंगा” के गगनभेदी उद्घोष के...