करंट टॉपिक्स

लातूर के नाथ संस्थान का चक्री भजन व अनुष्ठान

अयोध्या, 19 मार्च। औसेकर महाराज नाथ संस्थान औसा, लातूर (महाराष्ट्र) की ओर से अयोध्या में सप्ताह भर का धार्मिक अनुष्ठान किया जा रहा है। इस...

जैन संत दिल्ली से पदयात्रा कर अयोध्या की सीमा में पहुंचे

अयोध्या, 16 मार्च। जैन संत नेपाल केसरी डॉ. मणिभद्र मुनिजी अपनी टोली के साथ 2000 किलोमीटर की सर्वोदय शांति पदयात्रा के अंतर्गत दिल्ली से मेरठ,...

वाल्मीकि तीर्थ से ज्योति लेकर श्री रामलला के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु

अयोध्या, 21फरवरी। अमृतसर (पंजाब) के वाल्मीकि तीर्थ से लगभग एक हजार श्रद्धालु वाल्मीकि ज्योति लेकर प्रभु श्री रामलला का दर्शन करने आए हैं। इन सभी...

कर्मयोगी कामेश्वर

श्री कामेश्वर चौपाल एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है जो आजीवन संपूर्ण हिन्दू समाज की एकात्मता, सामाजिक समरसता और हिन्दू संस्कृति के प्रसार के लिए...

श्री राम जन्मभूमि मन्दिर – एक गतिमान गौरव गाथा

प्रतिष्ठा द्वादशी - 11 जनवरी, 2025 अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को आगामी 11...

चरण पादुका के साथ आंध्र प्रदेश के तीस हजार गांवों में निकलेगी धार्मिक यात्रा

अयोध्या धाम. हैदराबाद से रामराज्य फाउंडेशन के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं की टोली सोने की चरण पादुका लेकर पवित्र नदियों, संगम में स्नान कराते हुए पदयात्रा के...

हर वर्ष प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाया जाएगा प्राण प्रतिष्ठा दिवस

अयोध्या धाम. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक 25 नवंबर को मणिराम दास छावनी में हुई. बैठक में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर के निर्माण...

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का विवेचनात्मक अध्ययन स्थापित मिथकों को ध्वस्त करता है

बलबीर पुंज हिन्दू मान्यता के अनुसार, जिस समय माता लक्ष्मी जी का प्राकट्य हुआ था, उसी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भी अयोध्या लौटे थे....

प्रभु श्रीरामलला से एकाकार हो गए थे रामसखा त्रिलोकीनाथ पाण्डेय – चंपत राय

बलिया (उत्तर प्रदेश). पावन नगरी अयोध्या में विराजमान प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त और राम सखा के रूप में विख्यात त्रिलोकनाथ पाण्डेय की तीसरी पुण्यतिथि पर...

कालसुसंगत वेद ज्ञान जन साधारण तक पहुंचना चाहिए

पुणे (04 सितम्बर, 2024). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि परंपरागत रूप से आप वेदों की रक्षा करते आए...