करंट टॉपिक्स

अमृत महोत्सव – संकल्पबद्ध होकर त्याग व परिश्रम से भारत को परमवैभव संपन्न बनाना है

डॉ. मोहन भागवत सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल (15 अगस्त) भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होंगे, स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के निमित्त समारंभ...

सर्वविदित, सुस्पष्ट भारत की पहचान, भारत के “स्व” को नकारा गया..!!

[caption id="attachment_28204" align="aligncenter" width="1280"] File Photo[/caption] सर्वानुमति से लिया गया ध्वज समिति का निर्णय क्यों नहीं स्वीकार हुआ? डॉ. मनमोहन वैद्य सह सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक...

भारतीय हिन्दू चिंतन, व जीवन दर्शन को दुनिया स्वीकार करने लगी है – विनीत नवाथे

बड़वाह. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सह प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे ने कहा कि संघ शाखा व्यक्ति निर्माण व लोक संस्कार का एक अनूठा उदाहरण है. डॉ....

समाज को सक्षम बनाने के लिए प्रयासरत होना है

  नागपुर. विदर्भ प्रांत कार्यवाह दीपक जी ने कहा कि हमारे उत्थान के लिए हमें ही प्रयास करना है. कलियुग में संघ शक्ति अर्थात समूह...

‘स्व’ पर आधारित जीवनदृष्टि को पुनः स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध हों – दत्तात्रेय होसबाले जी

स्वाधीनता का अमृत महोत्सव - स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर कर्णावती. भारत स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है. स्वतंत्रता आंदोलन सार्वदेशिक और सर्वसमावेशी था....

मसीही नशे के दलदल में फंसता पंजाब

मुरारी गुप्ता पंजाब की पहचान उसकी बहादुरी और परिश्रम के कारण होती रही है. इसका एक कारण है, पंजाब ने भारतीय सेना को बड़ी संख्या...

जयंती पर विशेष : भगिनी निवेदिता – भारतीयता की ओजमयी वाणी

लवी चौधरी भारत के चिंतन और दर्शन ने सुदीर्घकाल से विश्व जगत को स्पंदित किया है. पाश्चत्य जगत की भोगवादी चमक-धमक को छोड़कर स्वामी विवेकानंद...

स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व में हिन्दुत्व की श्रेष्ठता को स्थापित किया – शांताक्का

कछार (असम). राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व में हिन्दुत्व के चिंतन की श्रेष्ठता को स्थापित...

हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता का सबसे प्रखर स्वर

नरेन्द्र जैन शिकागो विश्व धर्म सम्मलेन में अपने प्रखर उद्बोधनों एवं विचारों के कारण स्वामी विवेकानंद ने सबका ध्यान आकर्षित कर लिया. सब ओर उनकी...

शिक्षा और स्वामी विवेकानंद – ‘यदि गरीब लड़का शिक्षा के मंदिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए’

लोकेन्द्र सिंह युवा नायक स्वामी विवेकानंद ऐसे संन्यासी थे, जो निरंतर समाज के उत्थान के लिए चिंतित रहते थे. दरअसल, स्वामी जी संन्यास की उस...