करंट टॉपिक्स

विजयादशमी उत्सव पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत का उद्बोधन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्री विजयादशमी उत्सव (आश्विन शुद्ध दशमी बुधवार दि. 5 अक्तूबर 2022) आज के कार्यक्रम की प्रमुख अतिथि आदरणीया श्रीमती संतोष यादव जी,...

अमृत महोत्सव – स्त्री, स्वराज और स्वदेशी

प्रो. गीता भट्ट औपनिवेशिक ताकतों के विरोध में जिन दो शब्दों ने वैचारिक अलख जगाई, वे थे -  स्वराज और स्वदेशी. इन दो शब्दों ने...

सार्वजनिक एवं सांस्कृतिक कार्यों से ही समाज परिवर्तन संभव – भय्याजी जोशी

काशी. शनिवार को सार्वजनिक गणेश उत्सव समिति के तत्वाधान में आर्य महिला डिग्री कॉलेज के सभागार में "राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति : गणेश उत्सव...

अमृत महोत्सव – संकल्पबद्ध होकर त्याग व परिश्रम से भारत को परमवैभव संपन्न बनाना है

डॉ. मोहन भागवत सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल (15 अगस्त) भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होंगे, स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के निमित्त समारंभ...

सर्वविदित, सुस्पष्ट भारत की पहचान, भारत के “स्व” को नकारा गया..!!

[caption id="attachment_28204" align="aligncenter" width="1280"] File Photo[/caption] सर्वानुमति से लिया गया ध्वज समिति का निर्णय क्यों नहीं स्वीकार हुआ? डॉ. मनमोहन वैद्य सह सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक...

भारतीय हिन्दू चिंतन, व जीवन दर्शन को दुनिया स्वीकार करने लगी है – विनीत नवाथे

बड़वाह. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सह प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे ने कहा कि संघ शाखा व्यक्ति निर्माण व लोक संस्कार का एक अनूठा उदाहरण है. डॉ....

समाज को सक्षम बनाने के लिए प्रयासरत होना है

  नागपुर. विदर्भ प्रांत कार्यवाह दीपक जी ने कहा कि हमारे उत्थान के लिए हमें ही प्रयास करना है. कलियुग में संघ शक्ति अर्थात समूह...

‘स्व’ पर आधारित जीवनदृष्टि को पुनः स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध हों – दत्तात्रेय होसबाले जी

स्वाधीनता का अमृत महोत्सव - स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर कर्णावती. भारत स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है. स्वतंत्रता आंदोलन सार्वदेशिक और सर्वसमावेशी था....

मसीही नशे के दलदल में फंसता पंजाब

मुरारी गुप्ता पंजाब की पहचान उसकी बहादुरी और परिश्रम के कारण होती रही है. इसका एक कारण है, पंजाब ने भारतीय सेना को बड़ी संख्या...

जयंती पर विशेष : भगिनी निवेदिता – भारतीयता की ओजमयी वाणी

लवी चौधरी भारत के चिंतन और दर्शन ने सुदीर्घकाल से विश्व जगत को स्पंदित किया है. पाश्चत्य जगत की भोगवादी चमक-धमक को छोड़कर स्वामी विवेकानंद...