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एकात्म मानव दर्शन – दीनदयाल जी ने चतुर्पुरुषार्थ सिद्धांत को व्यवहारिक स्वरूप दिया

भाग एक विश्व की आधुनिक शासन प्रणालियों में बहुत से सिद्धांत सामने आए. इन सिद्धातों को सूत्र रूप प्रस्तुत करने के लिये कुछ शब्द भी...

साहित्य रचना केवल स्वांत सुखाय नहीं, बहुजन हिताय होनी चाहिए – डॉ. मोहन भागवत जी

भुवनेश्वर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भाषा लोगों के दिलों के साथ-साथ समाज को जोड़ने का प्रमुख साधन...