करंट टॉपिक्स

राष्ट्र ध्वज की निर्माण कथा – भाग तीन

राष्ट्रध्वज तिरंगे की प्रतिष्ठा के लिए स्वयंसेवकों का बलिदान लोकेन्द्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के मन में राष्ट्रीय प्रतीकों को लेकर किसी प्रकार...

भारतीय सभ्यता-संस्कृति के अनुकूल स्व-तंत्र स्थापित करना होगा – स्वांत रंजन जी

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वांत रंजन ने कहा कि भारत की जो पहचान है, संपूर्ण विश्व में उसको बढ़ाने...

विस्तारवादी चीन के निवेश रूपी कर्ज जाल में फंसे विश्व के कई राष्ट्र

विस्तारवादी चीनी सरकार का निवेश रूपी कर्ज जाल कोई परोक्ष और कुछ एक राष्ट्रों तक सीमित नीति नहीं, बल्कि इसने दुनिया के 50 से भी...

अराजकता फैलाने का माध्यम बना तथाकथित किसान आंदोलन

प्रधानमंत्री ने गुरुनानक जयंती के दिन राष्ट्र के नाम संदेश में अप्रत्याशित निर्णय की घोषणा की. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित तीन कृषि...

तत्कालीन सामाजिक समस्याओं का परकीय नहीं, भारतीय दृष्टिकोण से समाधान चाहते थे डॉ. आंबेडकर

भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर अपने अधिकांश समकालीन राजनीतिज्ञों की तुलना में राजनीति के खुरदुरे यथार्थ की ठोस एवं बेहतर समझ रखते थे. नारों...

मानवाधिकारों को कुचलने वाला ‘वामपंथी चीन’

प्रशांत पोळ दस दिसंबर को ‘विश्व मानवाधिकार दिवस’ है. द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के पश्चात, संयुक्त राष्ट्रसंघ का गठन हुआ. और इसकी प्रारंभिक बैठकों...

आत्मविलोपी व्यक्तित्व का परलोकगमन

राम सहस्त्रभोजनी उपाख्य बबनराव नहीं रहे....सुबह लगभग दस बजे फेसबुक पर यह पोस्ट दिखी. यह पोस्ट पढ़कर अचानक सर्वांग सुन्न हो गया. अभी दो माह...

ग्लोबल टाइम्स, चीन और भारत

डॉ. मयंक चतुर्वेदी चीन और भारत का सीमा विवाद कोई नया नहीं है. 1962 में चीन-भारत के बीच हुए युद्ध में जिस तरह से चीन...

महात्मा गांधी की दृष्टि में स्वातंत्र्यवीर सावरकर – भारत माता के निष्ठावान पुत्र क्रांतिवीर सावरकर

लोकेन्द्र सिंह “सावरकर बंधुओं की प्रतिभा का उपयोग जन-कल्याण के लिए होना चाहिए. अगर भारत इसी तरह सोया पड़ा रहा तो मुझे डर है कि...

ननूर नरसंहार – वामपंथियों द्वारा किया नरसंहार, जिसके बारे में कोई बात नहीं करता

यदि आपसे पूछा जाए कि दुनिया में तानाशाह कितने हुए तो आपका जवाब सबसे पहले हिटलर होगा, फिर शायद मुसोलिनी, फिर शायद कुछ कहेंगे लेनिन...