करंट टॉपिक्स

सरकार ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के वर्षभर चलने वाले स्मृति उत्सव को स्वीकृति दी

नई दिल्ली. संस्कृति मंत्रालय 17 सितंबर, 2022 को हैदराबाद मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में वर्षभर चलने वाले स्मरण उत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन करेगा....

गणेश उत्सव – लोकमान्य व वीर सावरकर की प्रेरणा से उत्सव राष्ट्रीय पर्व बन गया था

प्रवीण गुगनानी भारत में सार्वजनिक गणेशोत्सव सातवाहन, राष्ट्रकूट और चालुक्य वंशों से लेकर शिवाजी के शासन तक निर्बाध चलता रहा है. पेशवाओं के समय पर...

अमृत महोत्सव लेखमाला – सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ : भाग पांच

  फांसी पर लटके वीर माता के तीनों पुत्र नरेन्द्र सहगल भारतीयों का कल्याण अंग्रेज शासकों का उद्देश्य कभी नहीं रहा. भारत को लूटकर अपने...

अमृत महोत्सव लेखमाला – सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ : भाग एक

दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल..? लाखों बलिदानी क्रांतिकारियों का क्रूर अपमान 1857 का स्वातंत्र्य संग्राम नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक और अंडमान...

वीर बालक शान्तिप्रकाश का बलिदान

देश की स्वाधीनता के लिए हजारों वीरों, माताओं, बहनों और नवयुवकों ने बलिदान दिया. इनमें से ही एक था 18 वर्षीय वीर बालक शान्तिप्रकाश, जिसने...

‘भारत के स्‍वाधीनता संग्राम सेनानियों की जन्‍म और बलिदान स्‍थलों की चरणरज प्रदर्शनी’

भोपाल. दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान के निदेशक डॉ. मुकेश मिश्रा ने बताया कि 13 अप्रैल, 2022 को पूर्वाह्न 11:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक...

स्वाधीनता संग्राम में साहित्यकारों की महती भूमिका – डॉ. विपिन चंद्र

जयपुर. अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रदेश अधिवेशन में साहित्य परिषद के संगठन मंत्री डॉ. विपिन चंद्र ने कहा कि भारत के स्वाधीनता संग्राम में...

स्वतंत्रता के ‘स्व’ को समझीने में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका – डॉ. नीरजा गुप्ता

भोपाल. रविन्द्र भवन में स्वाधीनता संग्राम में मातृशक्ति का योगदान विषय पर आयोजित संवाद में सांची विश्वविद्यायल की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने कहा कि...

जलियांवाला बाग जैसा ही था मानगढ़ हत्याकाण्ड, इतिहास में नहीं पा सका सही जगह

उदयपुर. भारतीय इतिहास संकलन समिति के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बालमुकुंद पांडे ने कहा कि आजादी के आंदोलन में लाखों माताओं की गोद सूनी हुई,...

सार्वजनिक गणेशोत्सव – सामाजिक प्रतिबद्धता की निरंतर परंपरा

मुंबई (विसंकें). ब्रिटिश कालखंड में भारत को अंग्रेजों की परतंत्रता से मुक्त करवाने के लिए समाज का एकजुट होना आवश्यक था. इसे ध्यान में रखते...