नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्विटर द्वारा स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति न करने पर नाराजगी व्यक्त की तथा ट्विटर इंडिया को फटकार लगाई. कहा कि आपको मनमानी की इजाजत नहीं दी जा सकती.
न्यायालय ने कहा कि “21 जून को अधिकारी के हटने के बाद आपको उनकी जगह दूसरे की नियुक्ति कर देनी चाहिए थी, पर आपने अब तक ऐसा नहीं किया. आप इस प्रोसेस में कितना वक़्त लेंगे. अगर आपको लगता है कि हिंदुस्तान में आप इसके लिए मनचाहा वक़्त ले सकते हैं तो न्यायालय इजाजत नहीं देगा.”
उच्च न्यायालय ने ट्विटर को आठ जुलाई तक यह बताने का आदेश दिया कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कब तक करेगा. वहीं, ट्विटर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसके द्वारा स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है.
सोमवार को केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि ट्विटर ने नए आईटी नियमों का अनुपालन नहीं किया है. अपने हलफनामे में, केंद्र ने उच्च न्यायालय को बताया कि, “सभी SSMI को आईटी नियम 2021 का पालन करने के लिए 3 महीने का समय देने और 26 मई को डेडलाइन समाप्त होने के बावजूद, ट्विटर इंक अनुपालन करने में विफल रहा है.” आईटी नियम, 2021 देश का कानून है और ट्विटर को इसका पालन करना अनिवार्य रूप से आवश्यक है.
नए आईटी नियम?
25 फरवरी को केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए थे और सभी कंपनियों को इसका पालन करने के लिए तीन महीनों का वक्त दिया था, जिसकी समय अवधि 25 मई को पूरी हो गई. इन दिशानिर्देशों में भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों की नियुक्ति करना और भारतीय कानून का पालन करने की बात कही गई है.
गाइडलाइन का अनुपालन न करने पर कंपनियों को प्रदत्त छूट समाप्त हो जाएगी. जिस कारण कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है. ट्विटर ने अब तक केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया, इस वजह से ट्विटर के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग मामलों में अपराधिक मामले भी दर्ज हुए हैं.