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भक्तिमय धुनों के बीच खुले केदारनाथ धाम के कपाट

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केदारनाथ. केदारनाथ धाम के कपाट 06 मई को वृष लग्न में प्रात: 6 बजकर 25 मिनट पर खुल गए. मंदिर को नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया था. सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आए 10 हजार से अधिक श्रद्धालुजन कपाट खुलने के साक्षी बने. प्रदेश‌ के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे.

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कपाटोद्घाटन की तैयारी शुरू कर दी थी. समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, आयुक्त गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, वेदपाठी आचार्यगणों ने पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया. पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह द्वार का पूजन शुरू हुआ. श्री केदारनाथ धाम के रक्षक क्षेत्रपाल श्री भकुंट भैरव के आह्वान के साथ ठीक प्रात: 6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के मुख्य द्वार के कपाट खोल दिए गए.

कपाट खुलते ही श्री केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया गया. कुछ ही पल बाद बाबा के निर्वाण दर्शन हुए. कुछ अंतराल में बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुआ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहला रुद्राभिषेक किया गया. इस अवसर पर मंदिर को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया तथा समस्त केदारनाथ धाम में मराठा रेजीमेन्ट के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था. हेली सेवा एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन धर्मस्व संस्कति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे.

उल्लेखनीय है कि कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 2 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पैदल मार्ग से चलकर गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए 5 मई शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंची थी. 6 मई को प्रात: श्री केदारनाथ धाम के कपाट 6 माह के लिए खुल गए. शनिवार को भैरवनाथ जी की पूजा के पश्चात भगवान केदारनाथ जी की आरती शुरू हो जाएगी.

 

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