अवध (विसंकें). विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मकर संक्रांति तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के नींव का डिजाइन तैयार हो जाएगा. जनवरी के अंत तक निर्माण कार्य प्रारंभ होगा. तथा अगले तीन वर्ष में मंदिर संतोषजनक आकार ले लेगा. नींव बहुत मजबूत व दीर्घायु बनेगी.
उन्होंने कहा कि एक हजार वर्ष तक मंदिर के निर्बाध अस्तित्व की परिकल्पना हुई है, जिसके सापेक्ष पांच से छह सौ वर्ष को लक्ष्य कर मंदिर के नींव व ढांचा निर्माण की रूपरेखा तैयार हो रही है.
वाराणसी के इंग्लिशिया लाइन स्थित विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय में शुक्रवार को प्रेसवार्ता में चंपत राय ने बताया कि मंदिर की लंबाई 360 फीट तो चौड़ाई 235 फीट होगी, शिखर की ऊंचाई 65 फीट रहेगी. निर्माण में पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का उपयोग किया जाएगा, क्योंकि तांबा व पत्थर की आयु करीब-करीब एक समान होती है. तांबा भारत सरकार की कंपनी से खरीदा जाएगा. करीब चार लाख घन फीट पत्थर जोड़े जाएंगे. विशेषज्ञों की टीम 200 फीट गहराई तक अध्ययन कर रही है. 50 फीट नीचे तक मलबा जमा है.
विश्व हिन्दू परिषद देश के 5.25 लाख गांवों के 13 करोड़ परिवारों से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण के लिए संपर्क करेगा. बिहार में 35 हजार गांवों के 1.5 करोड़ परिवारों के बीच जाने का लक्ष्य तय किया गया है. निधि समर्पण अभियान 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलेगा.
काशी प्रांत के अंतर्गत 16 हजार गांवों के 50 लाख परिवारों में कार्यकर्ता जाएंगे. अभियान के लिए तीन-तीन कार्यकर्ताओं की टीम बनाई जाएगी, जो अपने-अपने गांव-मोहल्ले के लोगों के घर जाएंगे और राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग मांगेंगे. इसके लिए 10, सौ और एक हजार रुपये के कूपन तैयार किए गए हैं. इससे ज्यादा दान देने वालों को रसीद काटकर दी जाएगी.
भगवान राम जिनके आदर्श हैं और जो बाबर को अपना अनुयायी नहीं मानते, वह मंदिर निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं. मुस्लिम समुदाय के 5 लोगों ने अब तक राम मंदिर के लिए धन दिया है, जिसमें 2 लाख का चेक भी शामिल है.