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पाकिस्तान में सिक्ख समुदाय पर हमलों को लेकर भारत सरकार ने उच्चायोग के अधिकारी को तलब कर नाराजगी व्यक्त की

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नई दिल्ली. पाकिस्तान में सिक्ख समुदाय पर हमले की लगातार होती घटनाओं पर भारत सरकार ने तीव्र आक्रोश प्रकट किया है. भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया. भारत ने अधिकारी के माध्यम से शाहबाज सरकार से मांग की कि इन घटनाओं की गंभीरता से जांच हो.

पाकिस्तान में सिक्खों पर हमले की ताजा घटना पेशावर में सामने आई. वहां कुछ बंदूकधारियों ने अचानक हमला कर एक सिक्ख को गोलियों से छलनी कर दिया. हैरानी की बात है कि दो दिन के अंदर ये दूसरी ऐसी घटना थी. इस घटना के बाद, भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी को बुलाया और उसके माध्यम से पड़ोसी देश में सिक्खों पर लगातार हो रहे हमलों पर नाराजगी व्यक्त की. पाकिस्तान के पेशावर में हुई घटना में अज्ञात बंदूकधारियों ने मनमोहन सिंह नाम के एक 35 वर्षीय सिक्ख युवक की गोली मारकर हत्या कर दी. मृतक मनमोहन सिंह पेशावर में ही रशीद गढ़ी से शहर की तरफ जा रहे थे. उसी वक्त गुलदारा चौक काकशाल के निकट कुछ बंदूकधारी हमलावरों ने उन पर हमला करके गोलियां दागनी शुरू कर दीं.

इस साल बीते तीन महीनों में सिक्ख समुदाय पर चार बार हमले हो चुके हैं. पाकिस्तानी अधिकारी के साथ बात करते हुए भारत ने इन घटनाओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की और इनकी समग्र जांच की मांग पाकिस्तान सरकार से की.

भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी को स्पष्ट कहा कि सिक्ख समुदाय पर लगातार हो रहे हिंसक हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. पाकिस्तान सरकार गंभीरता से इन घटनाओं की जांच करे. इतना ही नहीं, भारत ने साफ कहा कि इस जांच की रिपोर्ट हमसे भी साझा की जाए. पाकिस्तान सरकार वहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की चिंता करे. उनके साथ जो दुर्व्यवहार किया जा रहा है वह बंद होना चाहिए.

मनमोहन सिंह की हत्या के बाद, स्थानीय पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को पकड़ा तो है. लेकिन ये ही असली अपराधी है, यह कहना मुश्किल है. पुलिस के अनुसार, हत्या के मुख्य अपराधी जल्दी ही पकड़ में आने की संभावना है. मनमोहन सिंह पर हमले से ठीक एक दिन पहले, 23 जून को एक सिक्ख नागरिक गोली लगने से घायल हुआ था. घायल की पहचान सिक्ख व्यापारी त्रिलोक सिंह के रूप में हुई थी. हमले की जांच आतंकवाद रोधी विभाग कर रहा है. पुलिस अभी यह बताने में असमर्थ है कि पेशावर में सिक्खों को इस तरह निशाना क्यों बनाया जा रहा है.

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