भोपाल. रविन्द्र भवन में स्वाधीनता संग्राम में मातृशक्ति का योगदान विषय पर आयोजित संवाद में सांची विश्वविद्यायल की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने कहा कि रानी जिंदा कौर ने छोटे से बच्चे की संरक्षिका बनकर राज्य संचालन किया. जिस महिला ने कभी राज्य नहीं चलाया, अस्त्र-शस्त्र नहीं चलाए वो भी विदेशी ताकतों से लड़ने के लिए खड़ी हुई. इनके साथ कितने ही नाम हैं, जिन्होंने स्वाधीनता के संग्राम में अपना योगदान दिया.
उन्होंने स्वतंत्रता के स्व को समझाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. स्वाधीनता में रानी चेनम्मा, रानी गाइदिन्ल्यू सहित संगीत, साहित्य के क्षेत्र में रहकर कार्य करने वाली महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि प्रतिरोध करने वाले कुछ के ही नाम हमें पता हैं. लेकिन उनका जो प्रतिरोध रहा है, उसकी वजह से कोई उनके क्षेत्र में कभी नहीं आ पाया.
उन्होंने कहा कि ऐसे नाम जिन्होंने निडर होकर क्रन्तिकारियों के साथ रहकर उन्हें खाने-छिपाने तक का कार्य किया, वो महिलाएं भी स्वाधीनता संग्राम में योगदान देने वाली हैं. भारत के स्वाधीनता के इतिहास में एक परिवार, पार्टी को शामिल किया गया है. इतिहास लेखन में अनेक नाम छूट गए.
मातृभाषा मंच द्वारा दो दिवसीय तृतीय मातृभाषा समारोह का आयोजन रविन्द्र भवन में किया गया था. जिसमें विभिन्न भाषाई समाज एवं समुदायों के बीच मातृभाषा के व्यवहारिक उपयोग को बढ़ावा देने सहित अपनी संस्कृति के संरक्षण एवं नवीन पीढ़ी को मातृभाषा के प्रति गौरवान्वित करना उद्देश्य था. दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रतिदिन बौद्धिक विमर्श, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभिन्न भाषायी समाजों के पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम के अंतिम दिवस रविवार को दोपहर में युवा संवाद, संवाद व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए. युवा संवाद में सदानंद सप्रे जी ने युवाओं से भविष्य की दिशा तय कर भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने की बात कही. उन्होंने भारत के तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में विकासशील होने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हम विज्ञान का श्रेय पश्चिम को देने की बात करते हुए अपने विद्वानों को भूल जाते हैं. उन्होंने युवाओं से अपने पूर्वजों की बात का सम्मान करने की बात पर जोर दिया.
संवाद कार्यक्रम में स्वाधीनता संग्राम में मातृ शक्ति का योगदान विषय पर संवाद आयोजित किया गया. संध्याकालीन आयोजन में विभिन्न भाषायी समुदाय के कलाकारों द्वारा आकर्षक व सुन्दर प्रस्तुतियां दीं. इस प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया.