कानपुर। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम (सामान्य) का समापन कार्यक्रम दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय, कानपुर में हुआ। मंच पर मुख्य अतिथि पद्मश्री उमा शंकर पाण्डेय जी, मुख्य वक्ता प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंद कुमार जी के साथ ही कानपुर विभाग के विभाग संघचालक डॉ. श्याम बाबू जी, वर्ग के सर्वाधिकारी भुवनेश्वर वर्मा जी उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता जे. नंदकुमार जी ने कहा कि संघ की स्थापना समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत करने के लिए हुई थी। संघ की शाखा में हर दिन राष्ट्र का चिंतन किया जाता है। 100 साल से हम एक ही कार्य कर रहे हैं। आज हम विश्व को एक दिशा देने की स्थिति में हैं। इसके पीछे संघ की शाखा तथा संघ के स्वयंसेवक हैं। हमने ऋषि व मुनियों की तपस्या और त्याग को सामने रखकर कार्य प्रारम्भ किया था। आज हजारों स्वयंसेवक इससे प्रेरणा लेकर कार्य कर रहे हैं। आज भी बहुत से क्षेत्रों तक पहुंचना शेष है। एक कार्यक्रम में किसी ने उपहास उड़ाते हुए कहा था कि भारत हिन्दू राष्ट्र है, ऐसा कहने वाला मूर्ख कौन है? डॉक्टर जी पीछे बैठे थे। उन्होंने आगे आकर कहा कि भारत हिन्दू राष्ट्र था, हिन्दू राष्ट्र है और हिन्दू राष्ट्र रहेगा। हजारों लोग इसी भावना से प्रेरणा लेकर कार्य कर रहे हैं।
नंदकुमार जी ने कहा कि इस बार नागपुर में कार्यकर्ता विकास वर्ग (द्वितीय) के समापन समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में जनजाति समाज के एक बड़े नेता व प्रतिनिधि आए थे। कार्यक्रम में कई देशों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। यह भी हमारी सामाजिक शक्ति को दिखाता है। आप सभी स्वयंसेवकों को इस वर्ग से जाकर कोई भी हो, सभी को एक करने का प्रयास करना है। इस पीढ़ी के स्वयंसेवकों को अपने जीवन में राष्ट्र को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए तेजी के साथ प्रयास करना है। 100 वर्ष पूर्ण होने पर संघ ने तेजी से कार्य करने का लक्ष्य लिया है। इसके लिए हम पंच परिवर्तन की बात कर रहे हैं।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने इसके माध्यम से पाकिस्तान ही नहीं अमेरिका और चीन को भी उत्तर दिया है। क्योंकि पाकिस्तान के पास दोनों देशों के हथियार थे।
मुख्य अतिथि पद्मश्री उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि जल है, तो कल है। हमारे पास सिर्फ एक प्रतिशत मीठा जल है। हम क्विंटलों लकड़ी का प्रयोग करते हैं, लेकिन हमने कितने पेड़ लगाए। सुदर्शन जी और नाना जी देशमुख से प्रेरित होकर मैंने जल पर काम किया। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल जी वाजपेयी ने कहा था कि तीसरा विश्व युद्ध जल के लिए होगा।
सम्बोधन से पूर्व शिक्षार्थियों ने 20 दिन वर्ग में रहकर जो शारीरिक अभ्यास किया था, उसका सार्वजनिक प्रदर्शन हुआ।