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सर्व विमुक्त-घुमंतू समाज के लोगों का उत्थान, कल्याण, विकास ही मुख्य उद्देश्य

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भोपाल. आप और हम अलग नहीं हैं. हममें कोई छूत-अछूत नहीं है, हम सब एक हैं. आपके और हमारे महापुरुष एक हैं. हमारा रक्त का संबंध है. सभी को शिक्षा, आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे. विमुक्त-घुमंतू, अर्द्ध-घुमंतू जनजाति समाज के अखिल भारतीय संयोजक दुर्गादास व्यास ने विमुक्त-घुमंतू, अर्द्ध-घुमंतू जनजाति समाज को मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से रविवार को आयोजित ‘सामाजिक सम्मेलन’ में कहा कि हम शासन-सरकार या राजनीतिक दलों के लोग नहीं हैं. हमारा उद्देश्य सर्व विमुक्त-घुमन्तू समाज के लोगों के उत्थान, कल्याण, विकास एवं उनकी समास्याओं के लिए कार्य करना है. हम सभी मिलकर शासन-प्रशासन तक आपके हित के लिए आवाज उठाने का कार्य करेंगे.

विमुक्त, घुमंतू जनजाति के इतिहास पर कहा कि विमुक्त, घुमन्तू जनजातीय समाज ने समाज की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग काम घूम-घूम कर जिम्मे लिया था. घुमंतू समाज देशभक्त, स्वाभिमानी और सम्पन्न समाज है. आक्रांताओं से लड़ाई में घुमंतुओं का महत्वपूर्ण योगदान है. घुमंतू समाज के लोग देश के आर्थिक, धार्मिक, स्वतंत्रता सेनानी हैं. उन्होंने कहा कि देश के लिए इतना सब करने के बाद भी इस समाज को आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, वोटर आईडी कार्ड सहित अन्य छोटे-छोटे अधिकारों से 70 वर्षों तक वंचित रखा गया.

उन्होंने सभी से जातियों में न बंटने की अपील करते हुए कहा कि हम सभी विमुक्त घुमंतू समुदाय के लोग अपने अधिकारों के लिए एकत्रित होकर आवाज उठाएं.

उन्होंने कहा कि लोग चिकनी-चुपड़ी बातें करके चर्च ले जाकर हमें अपने धर्म से दूर करने का कार्य कर रहे हैं. वह हमें अनेक प्रकार के प्रलोभन देते हैं. उन्होंने ऐसे लोगों के कुचक्र में न फंसकर अपने धर्म को सुरक्षित बचाए रखने की अपील की.

सम्मेलन में मुख्य अतिथि पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री रामखिलावन पटेल, महंत रामप्रवेश दास महाराज (गुफा मंदिर), महंत जगदीशदास (छोला मंदिर) सहित विमुक्त घुमंतू जनजाति के मुखिया, अध्यक्ष, पंच सहित सपेरा, बंजारा, कुचबंदिया, नट, लोहापीटा, करावत बेड़िया, पारदी, कंजर, पासी, सिखलीघर एवं अन्य घुमंतू जनजाति समाज के बंधु जन शामिल हुए.

हिन्दू समाज के ध्वज वाहक हैं

गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश दास महाराज ने उपस्थित सभी समाज के लोगों के हिन्दू समाज के ध्वजवाहक होने की बात कही. विमुक्त, घुमंतू समाज के प्रांत संयोजक लखन विश्वकर्मा ने कहा – देश, धर्म, संस्कृति के लिये सर्वस्व न्यौछावर करने वालों को समाज के साथ-साथ मिलकर आगे बढ़ाने हेतु यह आयोजन है.

पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री रामखिलावन पटेल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम जनजगरुकता के लिए आवश्यक हैं. उन्होंने सरकार द्वारा घुमंतू जनजाति के लिए किये जा रहे कार्यों की विस्तृत चर्चा की. साथ ही समाज के लिए एक कैंप लगाकर सभी लोगों की समस्याओं का समाधान करने की बात कही.

बंजारा, लोहापीटा, कुचबंदिया, सिकलीगर, कंजर, भातु समाज के प्रतिनिधियों ने समाज के साथ मुगलों, ब्रिटिशर्स द्वारा किये अत्याचारों पर चर्चा की. उन्होंने इन सभी से लड़ने के लिए किये अपने महत्वपूर्ण योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला. विमुक्त जनजाति समाज के लोगों ने कहा, हम सब हिन्दू हैं. कंधे से कंधा मिलाकर समाज की मुख्य धारा में मिलकर कार्य करेंगे. सरकार हमारी मांगों को पूरा करने के लिए पहल करे. साथ ही मंच से शिक्षा को प्राथमिकता देने, बाल-विवाह को समाप्त करने का आह्वान किया गया.

शोभायात्रा का स्वागत, भारत माता की आरती

विमुक्त-घुमंतू/अर्ध-घुमन्तू जनजाति समाज के लोगों ने भगवान शिव, भारत माता सहित समाज के महापुरुषों की झांकी के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली. सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान से प्रारंभ शोभायात्रा में विमुक्त घुमक्कड़/अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति के लोग एकत्रित होकर ढोल आदि के साथ शोभायात्रा में नांचते गाते हुए चल रहे थे. जिनका जगह-जगह पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया. शोभायात्रा के समापन पर भवानी चौक पर भारत माता की भव्य आरती की गयी.

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