इंदौर. ‘सम्वर्धिनी – चिंतन भारतीय स्त्री का’ विषय पर डॉ. हेडगेवार जन्म शताब्दी सेवा न्यास, इंदौर द्वारा मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया.
सम्मेलन की मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल की राष्ट्रीय महिला प्रकल्प प्रमुख अरुंधती कावडकर ने कहा कि भारत के पुनरूत्थान में महिलाओं को मन से तैयार होने की आवश्यकता है. सम्मेलन की अध्यक्षता प. पू. श्री श्री भक्तिप्रिया जी एवं नीना जी विनोद अग्रवाल ने की. सम्मेलन के आयोजन की भूमिका विश्व हिन्दू परिषद की प्रांत संयोजिका डॉ. माला ठाकुर जी ने रखी.
चर्चा सत्र में स्थानीय महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिये हम मिलकर क्या कर सकते हैं, इस पर चर्चा हुईं. चर्चा प्रवर्तक राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत संयोजिका अनघा ताई साठे, माला ठाकुर जी एवं शालिनि रतौरिया जी थीं.
समापन सत्र में मुख्य वक्ता शताब्दी जी पांडे ने पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण न करते हुए भारत की परंपराओं को सहेज कर आने वाली पीढ़ी को देने में महिलाओं की सक्रिय भूमिका होनी चाहिए.
इन्दौर विभाग की कार्यवाहिका आरती मिश्रा जी ने आभार व्यक्त किया. सम्मेलन में 1500 से अधिक प्रबुद्ध महिलाएं जैसे कि डॉक्टर्स, इंजीनियर, सीए, प्राध्यापक, उद्योजिका आदि सहभागी हुईं.
शाजापुर. विवेकानंद स्मृति सेवा न्यास द्वारा सम्वर्धिनी मातृशक्ति सम्मेलन शाजापुर के सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित किया गया. जिसमें शाजापुर जिले के विभिन्न गांव -नगरों से 18 वर्ष से अधिक आयु की प्रबुद्ध युवतियां एवं महिलाएं उपस्थित रहीं.
भारत की सांस्कृतिक समृद्धता का आधार भारत की पारिवारिक जीवन शैली है. पारिवारिक मूल्यों को दृढ़ता प्रदान करने का कार्य मातृशक्ति का ही रहा है. इसलिए भारत को भारत माता कहकर स्त्रीत्व को सम्मान दिया गया है. समाज में इस भाव की दृढ़ता बनाए रखने के लिए महिलाओं के बीच इस पर मनन चिंतन के लिए समाज की प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं का सम्मेलन आयोजित हुआ.
मुख्य वक्ता अमृता जी भावसार ने रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई का उदाहरण देते हुए समाज में महिलाओं की भूमिका एवं कर्तव्यों पर चर्चा की.
कार्यक्रम परिसर में गौ सेवा उत्पाद द्वारा विभिन्न प्रकार की दवा एवं प्रोडक्ट का स्टॉल लगाया गया एवं सेवा भारती समिति द्वारा मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा एवं हस्त निर्मित सौंदर्य सामग्री एवं साहित्य प्रसार आयाम द्वारा पुस्तक परिचय स्टाल लगाया गया. आजीविका मिशन ने भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्रियों का स्टॉल लगाया गया. द नोबल हॉस्पिटल द्वारा महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.