लखनऊ. करीब डेढ़ साल पहले नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर हिंसा करने वाले दंगाइयों के खिलाफ प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है. पुलिस ने हिंसा में शामिल 67 आरोपियों पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की है. सभी को प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किए जा रहे हैं. प्रशासन की कार्रवाई से आरोपियों में हलचल है.
21 दिसंबर, 2019 को रामपुर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जमकर बवाल हुआ था. एक युवक की जान चली गई थी, जबकि उपद्रवियों-दंगाइयों ने हिंसा करते हुए कई सरकारी और निजी वाहनों को जला दिया था. इस दौरान बैरीकेडिंग को भी तोड़ दिया था. साथ ही अस्पताल में भी तोड़फोड़ की गई थी. हिंसा को लेकर पुलिस ने गंज व कोतवाली में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे, जिसमें 278 लोगों के नाम सामने आए हैं. पुलिस हिंसा में शामिल करीब दो सौ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. करीब साठ से ज्यादा लोग जमानत पर रिहा भी हो चुके हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस की सख्ती शुरू से ही देखने को मिली थी. हिंसा के आरोपियों से एक ओर जहां सरकारी संपत्ति के नुकसान पहुंचाने वालों से भरपाई की कार्रवाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर शिकंजा और कसा है. पुलिस ने जांच के बाद 142 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. अब 67 आरोपियों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई है. शेष पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. इन सभी को डीएम और एडीएम कोर्ट से नोटिस जारी करने शुरू कर दिए गए हैं.
रामपुर के एसपी शगुन गौतम ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर हुई हिंसा के 142 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इनमें से 67 आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई है. शेष पर कार्रवाई की जा रही है.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में डेढ़ साल पहले रामपुर में हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपियों की संपत्ति को कुर्क करने के मामलों की सुनवाई के लिए सभी मामले मेरठ स्थानांतरित हो चुके हैं. मेरठ में ट्रिब्यूनल कोर्ट गठित किया गया है, जहां पर सुनवाई होगी.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 278 लोगों के नाम हिंसा में सामने आए थे. इनमें से कुछ नाम कॉमन हैं. इस तरह कुल 206 आरोपी हैं, जिनमें से 142 पर आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, शेष पर जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी. वहीं, इस केस में अभी कुछ आरेापी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी.