करंट टॉपिक्स

युद्धग्रस्त यूक्रेन में भारतीयों का सुरक्षा कवच बना तिरंगा

Spread the love

यूक्रेन गंभीर संकट से जूझ रहा है. वहां रूस के हमलों ने तबाही मचा रखी है. लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से व्यवस्था की जा रही है. भारत ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया है. इसके तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों की मदद से भारतीय छात्रों को वापस लाया जा रहा है. भारतीय दूतावास की ओर से कहा गया है कि, भारतीय छात्र जब भी बाहर निकलें, वे तिरंगा लगा कर रखें.

भारत की आन-बान और शान तिरंगा युद्धग्रस्त यूक्रेन में भारतीय छात्रों की ढाल बना है. यूक्रेन में तिरंगा भारतीयों का सुरक्षा कवच बना है. यूक्रेन में जहां हर ओर भय का माहौल है, वहीं बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी वहां फंसे हैं.

वह तिरंगे के साये में अपने वतन सुरक्षित लौट रहे हैं. दूसरे देशों की सीमाओं पर पहुंच रहे छात्रों की बसों और अन्य वाहनों में तिरंगा झंडा लगाया गया है. इस संबंध में भारत सरकार की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है.

तिरंगे को देख रूसी सेना के जवान भी सम्मान कर रहे हैं और छात्रों को सुरक्षित उनकी मंजिल की ओर रवाना कर रहे हैं. तिरंगा लगे वाहनों को सुरक्षित निकालने में रूसी सेना भी मदद कर रही है. छात्र आशीष नौटियाल ने बताया कि भारतीय झंडा लगा देख वाहनों को ससम्मान और बेरोकटोक जाने दिया जा रहा है. भारत लौटे छात्रों ने भी बताया कि तिरंगे की वजह से वे सुरक्षित वापस लौट सके हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आगरा के आदित्य सिंह यूक्रेन में थे. उन्होंने फोन पर अपने परिजनों को बताया कि यहां खाने-पीने की दिक्कत है, पहले भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं हो रहा था. संपर्क होने के बाद तीन बसों में करीब 150 छात्रों को लेकर रोमानिया के लिए निकले हैं. तिरंगा देखकर रूसी सैनिकों ने भी मदद की और रोमानिया तक पहुंचाया है.

यूक्रेन से वापस लौटी छात्रा साक्षी ने बताया कि हमें यूक्रेन में पता चला कि तिरंगे का क्या महत्व है. हमें पहले ही निर्देश मिले थे कि तिरंगा साथ नहीं होगा तो किसी भी पल आप पर भी हमला हो सकता है. मैं भी तिरंगा लगाकर निकली थी. इसलिए सुरक्षित वापसी हो सकी.

यूक्रेन से भारतीय छात्रों को बाहर निकालने के लिए पोलैंड ने भी भारत की मदद की है. पोलैंड बिना वीजा ही भारतीय छात्रों को अपनी सीमा में प्रवेश देने के लिए राजी हो गया है. इससे भारतीय छात्रों को बड़ी राहत मिली है.

शास्त्रीपुरम निवासी संतोष सिंह ने बताया कि यूक्रेन में बेटी श्रेया एमबीबीएस कर रही है. शनिवार की दोपहर करीब ढाई बजे फोन पर बात हुई थी, तब उसने बताया था कि भारतीय दूतावास से फोन आया है और कहा कि आप तिरंगा साथ रखना और छोटे बैग में पासपोर्ट सहित आवश्यक सामान ही रखें. इस पर उसने बैग पर तिरंगा लगा लिया और तीन बसों में भारतीय छात्र रवाना हुए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *