पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या व पदाधिकारियों पर हमलों की घटनाएं निरंतर सामने आ रही हैं. और इन घटनाओं में संलिप्तता के आरोप तृणमूल पर लग रहे हैं.
बीरभूम जिले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की रैली में जाने के दौरान बुधवार को रास्ते में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ. वहां से गुजर रही गाड़ियों पर पत्थर एवं देसी बम फेंके गए. आरोप लगाया कि झड़प के दौरान तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई गोलीबारी में उसके दो समर्थक जख्मी हो गए, लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की.
पुलिस द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार जिले के सूरी के स्कूल मैदान में आयोजित रैली में पहुंचने के लिए एक मिनी ट्रक से जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की नानूर के शिमुलिया गांव से गुजरने के दौरान तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं से झड़प हो गई. इस दौरान गाड़ियों पर पथराव हुआ. पथराव में गाड़ी का शीशा टूटने के बाद भाजपा कार्यकर्ता वाहन से नीचे उतरे और संघर्ष शुरू हो गया. इस दौरान देसी दम भी फेंके गए. भाजपा का आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं की गोलीबारी में उसके दो समर्थक गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं.
दोनों को पेट में गोली लगी है. उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मिनी ट्रक से जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर बम व पत्थर फेंके गए.
बोलपुर से पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और भीड़ को तितर-बितर करने तथा राजमार्ग को खाली कराने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. आरोप है कि खैराशोल-शिमुलिया मार्ग पर भाजपा कार्यकर्ताओं की कई बसों को रोका गया.
भाजपा समर्थक धनुष और तीर के साथ विरोध पर बैठ गए
इसी तरह की घटना जिले के सैंथिया के भ्रामराकल गांव में हुई. दिलीप घोष की सभा में जा रहे पार्टी समर्थकों को भ्रामरकल क्षेत्र में रोका गया. इसका जब विरोध किया गया तो भाजपा समर्थक धनुष और तीर के साथ सड़कों पर बैठ गए.
दिलीप घोष ने रोड शो और सूरी में जनसभा के बाद पत्रकारों से कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा सदस्यों को उनकी सभा में भाग लेने से रोकने की कोशिश की और उन्हें डराने के लिए हिंसक तरीके अपनाए, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलेगी.