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उदयपुर – डॉ. मोहम्मद अबीर, व एक मेडिकल स्टूडेंट रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते गिरफ्तार

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जयपुर. कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही संक्रमण से बचाव करने वाली दवाइयों व ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी के समाचार भी सामने आ रहे हैं. ताजा मामला उदयपुर के एक डॉक्टर मोहम्मद अबीर व मेडिकल के  छात्र मोहित पाटीदार का है. डॉक्टर मोहम्मद अबीर एक निजी मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विशेषज्ञ है और मोहित इसी मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष का छात्र है. दोनों को कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों को दिए जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की.

परिजनों की सूचना पर पुलिस ने अपने एक पुलिसकर्मी को छद्म ग्राहक बनाकर आरोपियों के पास भेजा. आरोपियों ने 2800 रुपये का रेमडेसिविर इंजेक्शन 35,000 रुपये में बेचने का सौदा तय किया. गिरफ्तार डॉक्टर अबीर मूल रूप से उदयपुर के सवीना का रहने वाला है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये लोग उदयपुर के संभागीय अस्पताल के एक संविदाकर्मी से 23 हजार में एक रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदते थे और मजबूर जरूरतमंदों को 35 से चालीस हजार रुपये तक में बेचा करते थे. पिछले तीन दिन में वह 46 इंजेक्शन बेच चुके थे और बारह अन्य इंजेक्शनों की डिलिवरी की जानी थी. डॉक्टर तथा मेडिकल स्टूडेंट के पकड़े जाने के बाद से ही संविदाकर्मी गायब है.

उदयपुर में पिछले कुछ दिनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की शिकायत पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार को मिली थी. उन्होंने इस मामले में जिला स्पेशल टीम के प्रभारी डॉ. हनवंतसिंह को कार्रवाई का जिम्मा सौंपा था.

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का खुलासा

पुलिस की जिला स्पेशल टीम के प्रभारी सीआई डॉ. हनवंतसिंह के एक रिश्तेदार के कोरोना पॉजीटिव आने पर उसके परिजनों ने डॉ. अबीर व मोहित से एक इंजेक्शन तीस हजार रुपये में खरीदा था. जिसकी जानकारी उन्होंने पुलिस अधीक्षक को दी थी. जिसके बाद सीआई हनवंत सिंह कालाबाजारी की पड़ताल में जुट गए और एक सिपाही को बोगस ग्राहक बनाकर डॉ. अबीर व मोहित से संपर्क करने को कहा. जिसने इनसे दो इंजेक्शनों की खरीद के लिए सौदा किया. जिसके एवज में डॉ. अबीर ने प्रति इंजेक्शन पैंतीस हजार रुपये की मांग की. गीतांजली मेडिकल कॉलेज के पास एक इंजेक्शन की डिलीवरी की जानी थी. पुलिस के बोगस ग्राहक ने पैंतीस हजार रुपये देकर एक इंजेक्शन लिया, तभी इशारा पाकर ही जिला स्पेशल टीम तथा हिरणमगरी थाना पुलिस ने डॉ. अबीर तथा छात्र को दबोच लिया. पुलिस ने दोनों के खिलाफ महामारी के दौरान दवा की कालाबाजारी करने पर भादसं की धारा 266 एवं 267 तथा महामारी संशोधित अनिधियम 2020 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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