वैश्विक महामारी कोरोना से जंग में भारत की नीति विश्व को राह दिखाने वाली रही है. कोरोना संकट में विज्ञान और प्रतिभा के दम पर विश्व का नेतृत्व कर रहा है. इतनी विशाल जनसंख्या होने के बावजूद कोरोना मृतकों और कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा दुनिया के शेष देशों से औसत में कम ही रहा. विकसित देश की श्रेणी में आने वाले अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील और मैक्सिको की तुलना में हम भाग्यशाली तो रहे ही, इसमें भारत के सनातन जीवन दर्शन, सरकार के ठोस प्रयासों और समाज की जागरूकता का भी विशेष योगदान रहा.
विश्व के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान में भी भारत विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है. भारत में
16 जनवरी, 2021 को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी गई, उसके पश्चात फ्रंटलाइन वर्कर्स को 2 फरवरी, 2021 से वैक्सीन लगाई जा रही है. तत्पश्चात 60 साल से अधिक और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए दूसरे चरण का टीकाकरण 1 मार्च, 2021 से शुरू किया गया. सब कुछ सुव्यवस्थित, कहीं कोई अव्यवस्था नहीं, कोई कमी नहीं. सरकार की प्राथमिकताएं तय थीं, समाज की ओर से सकारात्मक स्वीकृति भी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण से समय की बंदिश हटा दी गई है. दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में चौबीस घंटे वैक्सीन लग रही है. सरकार सभी निजी अस्पतालों को भी टीका लगाने की आजादी दे चुकी है.
इस तरह टीकाकरण का वैश्विक रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया को भी कोरोना मुक्त करने के अभियान में लगा हुआ है. भारत अपने उपयोग के लिए पर्याप्त वैक्सीन का उत्पादन तो कर रही हैं, साथ ही वैश्विक दायित्वों को पूरा करने हेतु भी पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन का उत्पादन कर उपलब्ध करवा रहा है. मित्र देशों के अतिरिक्त दुनिया के दर्जनों देशों को कोरोना वैक्सीन भेजी जा रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि भारत में आज जो विमान वैक्सीन की लाखों डोज लेकर दुनियाभर में जा रहे हैं, वो खाली नहीं आ रहे हैं. वो अपने साथ भारत के प्रति भरोसा, भारत के प्रति आत्मीयता, स्नेह, आशीर्वाद और एक भावानात्मक लगाव लेकर आ रहे है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण ने टीका प्रशासन के अधिकार प्राप्त समूह को-विन के अध्यक्ष और राष्ट्रीय कोविड-19 टीका प्रशासन विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) के सदस्य डॉ. राम एस शर्मा के साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अपर मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में 1 मार्च, 2021 से जारी देशव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम के अगले चरण की स्थिति और उसकी गति की समीक्षा की.
टीकाकरण केंद्र के रूप में सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ निजी अस्पताल भी टीकाकरण केंद्र के रूप में काम कर सकते हैं जो केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस), आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) और राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना से सम्बद्ध हैं और टीकाकरण केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए निर्धारित मानकों का पालन कर रहे हैं.
राज्यों से कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) को सुचारु रूप से वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निकटतम कोल्ड चेन प्वाइंट के साथ कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) (सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पताल दोनों) के संपर्क को सक्रिय बनाने का अनुरोध किया गया है.
चरण के अंतर्गत योजना अनुरूप सत्रों में सभी टीकाकरण केंद्रों पर सहज और बाधारहित टीकाकरण व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी अस्पतालों (सरकारी और निजी) को पर्याप्त मात्रा में टीके की खुराक आवंटित करना सुनिश्चित किया गया है. यह भी दोहराया गया कि कोविड टीकों की कोई कमी नहीं है, अतः सभी टीकाकरण केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध कराए जाने चाहिए. केंद्र सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध हैं और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी आवश्यकता के अनुसार टीके उपलब्ध कराए जाएंगे. को-विन 2.0 पोर्टल की क्षमता बढ़ाई जाएगी ताकि सभी पात्र नागरिक लाभार्थियों का विवरण इस पर आसानी से दर्ज हो सके. इस पोर्टल को टीकाकरण कार्यक्रम की रीड के तौर पर प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हर स्तर पर व्यापक तैयारियां की हैं. भारत के प्रधानमन्त्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति सहित केन्द्रीय मंत्रियों, प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने टीका लगवाकर सकारात्मक संदेश दिया है. 02 मार्च तक 24 घंटे के अन्दर ही देश के विभिन्न भागों में 50 लाख लोगों ने कोरोना वैक्सीन लेने के लिए पंजीकरण करवा दिया था.