नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच एम्स (ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) दिल्ली ने एक अध्ययन किया है, जिसमें एक सकारात्मक खबर सामने आई है. AIIMS के अध्ययन में दावा किया गया है कि वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है. यह अध्ययन अप्रैल-मई के दौरान किया गया था, जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी और हजारों लोग जान गंवा चुके थे.
वैक्सीन लगवाने के बाद यदि कोरोना होता है, तो इसे ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन कहा जाता है. AIIMS दिल्ली की स्टडी उन लोगों के लिए भी राहत भरी खबर है, जो वैक्सीन लगवाने से डरते हैं. ऐसे मामले विशेषकर गांवों में देखने को मिलते हैं. शहर में भी कई लोग हैं, जो वैक्सीन लगवाने से डर रहे. अध्ययन के परिणाम से स्पष्ट है कि कोरोना से बचने का वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है.
63 ब्रेकथ्रू इन्फेक्टेड लोगों पर रिसर्च की गई
AIIMS दिल्ली ने अपने अध्ययन में 63 ब्रेकथ्रू इन्फेक्टेड लोगों पर रिसर्च की. इसमें 36 मरीज ऐसे थे, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ली थी, जबकि 27 ने सिर्फ एक ही डोज लगवाई थी. इनमें से 10 लोगों ने कोविशील्ड और 53 लोगों ने कोवैक्सिन लगवाई थी. इस अध्ययन में 21 से 92 साल तक के मरीजों को शामिल किया गया. सभी की औसत उम्र 37 थी. 63 मरीज में से 41 पुरुष और 22 महिलाएं थीं.
एक अन्य अमेरिकी रिसर्च में पाया गया कि वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित होने वाले ज्यादातर मरीज घर पर ही ठीक हो गए. जबकि बहुत ही कम ऐसे भी मरीज रहे हैं, जिन्हें गंभीर लक्षण के चलते अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. हालांकि, दोनों ही स्थिति में किसी की मौत नहीं हुई है.
भारत में कोरोना के डेल्टा वैरियंट से 1.80 लाख लोगों की मौत
भारत में दूसरी लहर 11 फरवरी से शुरू हुई थी और अप्रैल में भयावह हो गई थी. एक अध्ययन में देश में कोरोना का वैरिएंट डेल्टा सुपर इन्फेक्शियस मिला है, जो दूसरी लहर के दौरान काफी तेजी से फैला. इसने ही भारत में 1.80 लाख से ज्यादा लोगों की जान ली है.