जयपुर. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय विचार विभाग के सह प्रमुख डॉ. राजकुमार चतुर्वेदी ने कहा कि विश्व की अधिकांश जनसंख्या आज कोरोना के संक्रमण के भय से त्रस्त है. संक्रमण की चिकित्सा व टीकों पर बड़ी कम्पनियों के पेटेंट के कारण ये सबको सुलभ नहीं हैं.
मंगलवार को पत्रकारों से ऑनलाइन वार्ता में कहा कि कुछ कम्पनियों को पेटेंट से मुनाफा कमाने के लिए असीमित अधिकार देकर करोड़ों लोगों के जीवन के अधिकार पर आंच आए, ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. इन टीकों व दवाओं को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी के हस्तांतरण के लिए एक सघन अभियान चलाया जा रहा है. कोविड के इलाज से सम्बंधित कई दवाओं का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए उपलब्धता कम है.
इजरायल, अमेरिका, इंग्लैंड आदि जिन 6 देशों की वयस्क जनसंख्या का टीकाकरण हो गया है, वहां कोरोना संकट लगभग समाप्त हो गया है. इसलिए भारत सहित विश्व की समग्र वयस्क जनसंख्या (लगभग 600 करोड़) का तत्काल टीकाकरण आवश्यक है.
मंच के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. धर्मवीर चंदेल ने बताया कि ऐसे में स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड के टीकों व औषधियों को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी उत्पादन में सक्षम सभी दवा उत्पादकों को सुलभ कराने की मांग करते हुए सघन जन जागरण अभियान छेड़ा है. इसके अन्तर्गत देश भर में व देश के बाहर भी टीकों व औषधियों की सर्व सुलभता के लिए “यूनिवर्सल एक्सेस टु वेक्सीन्स एण्ड मेडिसिन्स” अर्थात “युवम” (UAVM) के नाम से यह अभियान चल रहा है. इसमें आनलाईन हस्ताक्षर अभियान सहित वेबिनार, गोष्ठियों, प्रदर्शन, सम्पर्क प्रचार की प्रक्रिया चल रही है.