कानपुर. श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिए राम भक्तों का उत्साह बढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे अभियान अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, राम भक्त स्वयं आगे आकर निधि समर्पण कर रहे हैं. इसी क्रम में रिक्शा चालक, ठेला और सब्जी विक्रेताओं ने भी निधि समर्पण किया.
बुधवरा, 10 फरवरी को निधि समर्पण अभियान में मुस्लिम युवक रफीक ने भी अपना सहयोग दिया. इसके साथ ही सब्जी विक्रेताओं और ठेला खोमचे वालों ने भी सहायता राशि देकर अपनी सहभागिता सुनिश्चित की.
निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत सीसामऊ के सब्जी मार्केट में अभियान चलाया गया. इस अवसर पर बोलते हुए प्रदेश संयोजक श्रीकृष्ण दीक्षित बड़ेजी ने कहा कि जनमानस के अंदर समर्पण राशि देने के लिए अपार उत्साह है. रिक्शा चालक, ठेला, सब्जी विक्रेता अपने आप रोककर अपना समर्पण दे रहे हैं. लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब कोई मेरे घर आए और मैं भी हिस्सा बनूं.
भगवान श्रीराम सभी जाति समाज के हैं क्योंकि उन्होंने वनवास काल में सबसे छोटे-छोटे व्यक्तियों को एकत्र कर अपनी सेना बनाई थी, जिसमें सभी जाति वर्ग के लोग थे. समाज को संगठित कर समरसता का संदेश दिया था.
88 वर्षीय कारसेवक ने भी किया समर्पण
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में कारसेवक रहे व इसी आंदोलन में जेल जा चुके 88 वर्षीय ज्ञानप्रकाश ने प्रांत सह कार्यवाह भवानी भीख को समर्पण निधि सौंपी. आंदोलन के क्षणों को याद कर भावुक होते हुए कहा कि अब जल्द ही रामलला का मंदिर देखने का मौका मिलेगा.
हमारी निधि भी लेते जाओ
निधि समर्पण अभियान के निमित्त कार्यकर्ताओं की टोली मछरिया रोड से गुजर रही थी, तभी एक झोपड़ी से आवाज आई हमारी निधि भी लेते जाओ. वृद्धा चंदावती ने बुलाकर उन्हें 101 रुपये की समर्पण राशि सौंपी. मुन्ना लाल चौराहा पर मोची का काम करने वाले अशोक, रिक्शा चालक राजेश केवट ने भी श्रीराम मंदिर के लिए निधि समर्पित की. दिव्यांग अनिल राजा ने भी 100 रुपये की समर्पण राशि टोली को प्रदान की.