दापोली, मुंबई (विसंकें). जून के पहले सप्ताह में ‘निसर्ग’ चक्रवात ने कोंकण तटीय क्षेत्र को अपनी चपेट में लिया था. रत्नागिरी जिले का उत्तर भाग और रायगढ़ जिला चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित हुआ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा परिसर में चक्रवात के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू किया गया. रत्नागिरी के दापोली, मुर्डी, केलशी, मंडनगड आदि प्रभावित क्षेत्रों में राहतकार्य जारी है. स्वयंसेवकों ने क्षेत्र के हजारों परिवारों को सहायता उपलब्ध करवाई है.
राहत कार्य शुरू करने से पहले स्वयंसेवकों द्वारा दापोली के ७३ एवं मंडनगड तालुका के ६० गांवों का सर्वेक्षण किया गया. २३ जून तक दापोली तालुका के ६०० परिवारों को तथा मंडनगड तालुका के ४७९ परिवारों को भोजन वितरण किया गया. इसके लिए ११५ सेविका और ३० स्वयंसेवकों ने योगदान दिया. चक्रवात में अनेक लोगों के घरों की बहुत हानि हुई. दापोली में २३७०० और मंडनगड में १८०० खपरैलों का वितरण किया गया. २५ स्वयंसेवकों द्वारा खपरैल लगाने का काम किया गया. दापोली तालुका में दापोली, लांजा, खेड, रत्नागिरी, चिपलून, गुहागर इन गावों के ५० स्वयंसेवकों द्वारा ४४ घरों तक जाने के मार्ग बनाए गए. तथा ३१८ स्वयंसेवकों द्वारा बगीचे साफ़ किये गए. दापोली के ५८ परिवारों को सौर बत्तियों का वितरण किया गया. तथा ७५ घरों के लिए तीन डीज़ल पम्प दिए गए. ५८३ परिवारों को पांच-पांच किलो आटा दिया गया. लगभग 750 परिवारों को टॉर्च, मोमबत्तियां, मच्छरछाप अगरबत्तियां, कपड़ों का वितरण किया गया.
मंडनगड तालुका में ७२ स्वयंसेवकों द्वारा ६.५ किमी दूरी के रस्ते साफ़ करना और १३ बगीचे साफ़ करने का काम किया जा रहा है. स्वयंसेवकों द्वारा ५५३ परिवारों को टॉर्च, क्लोरिन लिक्विड, मोमबत्तियाँ, मच्छर अगरबत्ती आदि का वितरण किया गया. आज भी इन क्षेत्रों में राहतकार्य जारी है.