ग्वालियर. कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर में भी सेवा भारती, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा व सहयोग कार्य में डटे हुए हैं. इसके साथ ही कोरोना से लोगों को बचाने और वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता के लिए अभियान भी चला रहे हैं.
जागरूकता अभियान के निमित्त स्वयंसेवक भिंड जिले के 762 गांवों तक पहुंचे. और स्वयंसेवकों की जीवटता और सेवा भावना के चलते 700 गांव कोरोना से पूरी तरह से सुरक्षित हैं. वहीं, अब स्वयंसेवक लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं, ताकि आने वाले समय में महामारी की तीसरी लहर को बेअसर किया जा सके.
मनीष ओझा बताते हैं कि भिंड जिला भौगोलिक रूप से उत्तर प्रदेश की सीमाओं से सटा हुआ है. ग्रामीण परिवेश में वैसे ही संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. उत्तर प्रदेश की सीमा नजदीक होने के कारण खतरा और ज्यादा बढ़ गया था. ग्रामीण लोगों को जागरूक करने के लिए स्वयंसेवकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा गया. इससे प्रदेश में सबसे पहले अनलॉक होने वाले पांच जिलों में भिंड जिला शामिल हुआ.
स्वयंसेवकों ने ट्रिपल ‘टी’ पर किया काम
दूसरी लहर में कोरोना महामारी का रूप बेहद डरावना रहा. महामारी की घातकता को कम करने के लिए भिंड जिले में ट्रिपल ‘टी’ यानि गांवों में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर काम किया. स्वयंसेवकों ने गांवों में बीमारी को घातक रूप धारण करने से पहले ही खत्म करने में स्वास्थ्य विभाग का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया. संक्रमित मरीजों को उनके घर जाकर दवाएं पहुंचाईं. परिवार में किसी दूसरे को संक्रमण नहीं फैले, इसके उपाय बताए.
कोरोना के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण हथियार वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता अभियान में जुटे हैं. लोगों को टीका लगवाने के लिए जागरूक करने के लिए स्वयंसेवक ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में घर-घर जाकर दस्तक दे रहे हैं. लोगों को जागरूक कर टीका लगवाने के लिए केंद्र तक साथ आ रहे हैं. टीका लगवाने वाले व्यक्ति का वीडियो, फोटो शूट किया जाता है. बाद में जागरूकता के समय यही वीडियो और फोटो दूसरे लोगों को दिखाए जाते हैं, ताकि उनके मन में टीके को लेकर डर नहीं रहे.
कोरोना संकट काल में स्वयंसेवकों ने कोरोना हेल्प डेस्क, अटेंडरों हेतु भोजन व्यवस्था, जन जागरण के माध्यम से जनता कर्फ्यू का पालन कराया है. वैक्सीनेशन हेतु डोर टू डोर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को वैक्सीन लगवाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है. ग्रामीण, नगरीय क्षेत्रों में जागरूकता रथ, दीवार लेखन से संदेश दिया गया.
दूसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए स्वयंसेवक 762 गांवों में गए. जिससे संक्रमण पर अंकुश लगाने में सफलता मिली. अब 762 गांवों में वैक्सीनेशन के लिए अभियान चलाया जा रहा है. लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए न सिफ्र प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें टीकाकरण केंद्र तक पहुंचा रहे हैं. संघ के स्वयं सेवक केंद्रों पर स्वास्थ्य हमले की मदद कर रहे हैं. — सुनील अग्रवाल, सह संघचालक