लंबे समय से पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों को भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने खदेड़ दिया है। लगभग साल भर से अधिक के समय से टेंट लगाए बैठे थे। लेकिन, कुछ दिन पहले तक तथाकथित प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन कर रही आम आदमी पार्टी की सरकार ने अचानक से शंभू-खनौरी बॉर्डर पर बुलडोज़र चलवा दिया।
पंजाब पुलिस ने जगजीत सिंह डल्लेवाल, काका सिंह कोटडा, सरवन सिंह पंढेर और अभिमन्यु कोहाड़ सहित कई प्रमुख किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा कुल मिलाकर 700 किसानों को गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने की सूचना है। कई घंटे चली कार्रवाई के दौरान पुलिस बल ने बुलडोज़र से किसानों के टेंट को उखाड़ फेंका, शेड को तोड़ दिया। साथ ही हरियाणा की ओर लगी बैरिकेडिंग को भी हटा दिया। कंक्रीट की बैरिकेडिंग्स को भी ध्वस्त कर दिया गया।
तथाकथित किसान आंदोलन के नाम पर जब दिल्ली और उसके आसपास के बॉर्डर को जाम किया गया था तो उस समय दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और पंजाब की भगवंत मान सरकार किसानों के समर्थन में थी और किसानों के आंदोलन को लोकतांत्रिक बता रही थी। लेकिन, अब ऐसा क्या हो गया कि अचानक से पंजाब सरकार को आंदोलनकारी किसान दुश्मन नजर आने लगे और उनके टेंटों और शेडों पर बुलडोजर चलाकर शंभू बॉर्डर खाली करा रही है?
तो हाल ही में पंजाब सरकार और किसान नेताओं के बीच एक बैठक हुई थी। बैठक 3 मार्च को हुई थी। मुद्दा ये था कि किसान अपनी मांगों को लेकर चंडीगढ़ का घेराव करने जा रहे थे। बैठक के दौरान ही किसी मुद्दे पर किसान नेताओं और मुख्यमंत्री में बहस हो गई। फिर क्या था भगवंत मान ने गुस्सा होकर कहा कि ‘जाओ करते रहो धरना, अब कुछ नहीं होने वाला’।
उसी के बाद से पंजाब पुलिस ने किसानों के खिलाफ एक्शन शुरू किया है। लगातार किसान आंदोलन को कुचला जा रहा है।