एक समय संपूर्ण विश्व को कोरोना महामारी ने अपनी चपेट में ले लिया था. जिसके चलते लाखों लोग असमय काल का ग्रास बन गए. विश्व में फैले कोरोना संक्रमण को लेकर चर्चा में हर बार चीन पर आक्षेप लगे हैं. यानि विश्व ने जब से कोरोना वायरस को पहचाना, तभी से आरोप लगता रहा है कि इसे चीन ने जान बूझकर तैयार किया है. हालांकि, चीन ने सच को छिपाने के लिए नए-नए झूठ गढ़े. पर, चाहे लाख छिपा लो, सच एक ना एक दिन बाहर आ ही जाता है.
अब वुहान के एक शोधकर्ता का बयान सामने आया है, जिसमें उसने चीन पर कोरोना वायरस तैयार करने और उसे फ़ैलाने का आरोप लगाया है. वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक शोधकर्ता चाओ शाओ का ‘इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन’ की सदस्य जेनिफर जेंग के साथ एक इंटरव्यू सामने आया है. चाओ शाओ ने साक्षात्कार में वायरस को लेकर दावा किया कि चीन ने कोरोना वायरस को जैविक हथियार के रूप में उपयोग करने के लिए जानबूझकर अपनी लैब में तैयार किया था.
2020 का इंटरव्यू अब हुआ जारी
वुहान के शोधकर्ता का ये इंटरव्यू 2020 में ही लिया गया था जो अब जारी हुआ है. चाओ शाओ ने एक दावा करते हुए कहा कि उनके कई सहयोगी वुहान में 2019 सैन्य विश्व खेलों के दौरान गुम हो गए थे, बाद में उनमें से एक ने बताया कि वह विभिन्न देशों से आए एथलीटों की जांच के लिए होटलों में गए थे. ये बात समझनी चाहिए कि स्वास्थ्य जांच के लिए किसी वायरोलॉजिस्ट की आवश्यकता नहीं होती है. उन्हें वहां वायरस फैलाने के लिए भेजा गया था. शोधकर्ता चाओ शाओ ने जेनिफर जेंग को इंटरव्यू दिया है, जेनिफर चीन में जन्मी मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक हैं.
चार प्रकार का वायरस
शोधकर्ता चाओ शाओ ने चीन पर करोड़ों लोगों को संक्रमित करने का गंभीर आरोप लगाया है. शोधकर्ता ने दावा किया कि उसके साथ काम करने वाले सहयोगियों को यह पता लगाने के लिए वायरस के 4 प्रकार दिए गए थे कि कौन सा वायरस सबसे तेजी से फैल सकता है. 26 मिनट के इस इंटरव्यू में बताया कि कैसे शान चाओ ने स्वीकार किया कि उनके वरिष्ठ ने उन्हें कोरोनो वायरस के 4 प्रकार दिए थे और उनसे परीक्षण करने और यह पता लगाने के लिए कहा था कि कौन से वायरस में अधिक से अधिक प्रजातियों को संक्रमित करने की क्षमता है और वायरस से मानव सहित अन्य प्रजातियों को संक्रमित करना कितना आसान है. वुहान लैब में ही कोरोना वायरस तैयार किया गया था और उसकी जांच के लिए भी वुहान लैब में ही प्लानिंग की गई थी.
अप्रैल 2020 में उनके एक साथी को शिनजियांग प्रांत में उइगर लोगों पर कोरोना वायरस स्टेन्स चेक करने भेजा गया था. चाओ के अनुसार, उनके साथियों ने उइगर मुसलमानों के डिटेंशन कैंप में लोगों के हेल्थ चेकअप के बहाने कोरोना वायरस के टेस्ट किए थे. आशंका जताई कि उनके साथी को या तो कोरोना फैलाने या फिर इंसानों पर इस वायरस के रियेक्शन को देखने के लिए भेजा गया था.
इनपुट – मीडिया रिपोर्ट्स