बड़ौदामेव थाना क्षेत्र में मुस्लिमों की भीड़ द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के युवक योगेश जाटव की हत्या के मामले में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को रैली निकाली. यह रैली कंपनी बाग स्थित शहीद स्मारक से शुरू हुई जो मनी का बड़, बस स्टैंड, विवेकानंद चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची. यहां प्रदर्शन के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
विहिप के जिला अध्यक्ष दिलीप मोदी ने बताया कि 15 सितंबर को भरतपुर जिले के नगर तहसील के गांव भटपुरा के अनुसूचित वर्ग के युवक योगेश जाटव पुत्र ओम प्रकाश जाटव के साथ मुसलमानों की भीड़ ने मारपीट की. जिसकी इलाज के दौरान तीन दिन बाद जयपुर में मृत्यु हो गई. पुलिस इस मामले को सरकार के दबाव में आकर एक्सीडेंटल केस बनाना चाह रही है. जबकि योगेश की हत्या की गई है. यह मामला मॉब लिंचिंग का है, भीड़ ने उसे मारा है. ऐसे में दोषियों के विरुद्ध तुरंत पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए.
पांच सूत्री मांगों का सौंपा ज्ञापन
विश्व हिन्दू परिषद ने जिला कलेक्टर को 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा. जिसमें अपराधियों के विरुद्ध मॉब लिंचिंग का मुकदमा दर्ज करने, प्रकरण की जांच सीबीआई द्वारा कराने, लापरवाह पुलिस कर्मियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, मृतक परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने और मृतक की मां को सरकारी विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी पद पर नौकरी देने के साथ मृतक की विमंदित बहन को ₹5000 प्रति माह आजीवन सहायता राशि देने की मांग की.
विहिप की ओर से आयोजित विरोध प्रदर्शन में मृतक योगेश जाटव की दादी रामप्यारी, पिता ओमप्रकाश, माता विद्या देवी, बहन कविता, कृपा सहित अन्य परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण पुरुष व महिलाएं शामिल हुए. ये लोग वाहनों से गांव से सुबह अलवर पहुंचे थे.
जब विहिप के कार्यकर्ता ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे तो पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर उन्हें रोक दिया. 10 आदमियों के अंदर आने की अनुमति दी गई. इसी दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हो गई. कार्यकर्ताओं ने पुलिस के बेरिकेट्स हटाकर अंदर प्रवेश किया तो बाकी कार्यकर्ता वहीं रोड पर बैठ गए.
कलेक्टर आए, नहीं लिया ज्ञापन
ज्ञापन देने के लिए विहिप के कार्यकर्ता मृतक के परिजनों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वहां कलेक्टर नहीं थे. ऐसे में कार्यकर्ता वहीं रोड पर बैठ नारेबाजी कर प्रदर्शन करने लगे और यहीं आकर ज्ञापन लेने की मांग पर अड़ गए. इसी दौरान कलेक्टर का ऑफिस आना हुआ. कलेक्टर प्रदर्शनकारियों के सामने से जैसे ही निकले, उन्होंने ज्ञापन लेने को कहा तो कलेक्टर ने कार्यालय में आकर ज्ञापन देने को कहा. जिसके बाद एडीएम सिटी मौके पर पहुंचीं और ज्ञापन लिया.