नई दिल्ली. जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने प्रेस वार्ता कर घटना से जुड़े तथ्य मीडिया के सामने रखे. दिल्ली पुलिस ने कहा कि सामान्यतया जांच पूरी होने के पश्चात पुलिस जानकारी मीडिया को देती है. लेकिन जेएनयू हिंसा मामले में कुछ दिनों से भ्रामक प्रचार हो रहा था, जिस कारण पुलिस को प्रेस वार्ता करनी पड़ रही है.
आज आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस ने आरोपियों के नाम बताए. फोटो व वीडियो फुटेज के माध्यम से आरोपियों की पहचान की गई है. दिल्ली पुलिस मुख्यालय में सुबह 11 बजे पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की प्रमुख ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
जेएनयू हिंसा में पहचाने गए छात्र
पंकज मिश्रा, आइशी घोष, योगेंद्र भारद्वाज, सुचेता तालुकदार, प्रिय रंजन, चुनचुन कुमार, विकास पटेल, डोलन सामंता के नाम शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि वायरल वीडियो से कुछ लोगों की पहचान की गई. जेएनयू में हिंसा में पहचाने गए आठ छात्रों से जवाब मांगा गया है.
पुलिस का कहना है कि छात्रों के प्रदर्शन की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है. जब भी हम इन लोगों से कनेक्ट करने की कोशिश करते हैं तो ये लोग कानून का उल्लंघन करते हैं. मामला एक शिक्षण संस्थान का है, जिसमें छात्र शामिल हैं.
पुलिस ने कहा कि जेएनयू में विंटर रजिस्ट्रेशन चल रहा है, जिसका एआईएसएफ, एसएफआई,आईसा, डीएसएफ संगठन विरोध कर रहे थे. ज्यादातर छात्र पंजीकरण कराना चाहते थे. इन संगठनों के सदस्य रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे थे, साथ ही जो पंजीकरण कराना चाह रहे थे उनको धमका रहे थे. पुलिस ने बताया कि तीन जनवरी को भी इन संगठनों से जुड़े सदस्यों ने विरोध के दौरान सर्वर रूम में छेड़छाड़ की.
चार जनवरी को कुछ अराजकतत्व पीछे के रास्ते से घुसते हैं और सर्वर रूम को बुरी तरह डैमेज कर देते हैं. इस संबंध में हमारे पास एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है. पांच जनवरी सुबह 11 बजे स्कूल ऑफ सोशल साइंस के बाहर कुछ छात्र पंजीकरण कराने के लिए बाहर बैठे थे तो उनको पीटा गया और बीच- बचाव करने वाले सुरक्षा स्टाफ से भी धक्कामुक्की की गई. पुलिस ने कहा, एआईएसएफ, आईसा, एसएफआई और डीएसएफ के लोगों ने पांच जनवरी को पेरियार हॉस्टल में जाकर हमला किया. उसके बाद पुलिस वहां पहुंची.
दिल्ली पुलिस ने कहा, जेएनयू के साबरमती हॉस्टल के पास मौजूद टी पॉइंट के पास पीस मीटिंग हो रही थी, इस दौरान कुछ नकाबपोश लोगों ने हाथ में लाठी डंडा लेकर साबरमती हॉस्टल पर हमला किया. पुलिस ने बताया कि नकाबपोश जानते थे कि किस-किस रूम में जाना है. पेरियार हॉस्टल में मारपीट की गई. बाहर वालों के लिए जेएनयू के अंदर जाना आसान नहीं. कुछ वाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए थे.