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पालघर घटना का सच – पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित जांच समिति मंगलवार को जारी करेगी रिपोर्ट

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मुंबई. लगभग दो माह पहले 16 अप्रैल की रात्रि पालघर जिले के गढ़चिंचले गांव में अपने वाहन से जा रहे दो साधुओं और उनके चालक पर भीड़ ने हमला कर दिया था. भीड़ ने तीनों को लाठी डंडों से इतनी बुरी तरह से पीटा कि घटनास्थल पर ही तीनों की मृत्यु हो गयी थी. पुलिस, प्रशासन, सरकार द्वारा कहा गया है कि तीनों पर हमला एक अफवाह के कारण हुआ, लेकिन घटना का कारण केवल भ्रम या अफवाह नहीं थी.

क्षेत्र में जानबूझकर षड्यंत्र के तहत अफवाह फैलाना, व भ्रम फैलाकर हत्या तक के लिये लोगों को उकसाना वामपंथी संगठनों व राजनीतिक व्यक्तियों का पुराना खेल है. सरकार व प्रशासन ने क्षेत्र में चल रहे इस षड्यंत्र का नकारा व नजरअंदाज किया.

घटनाक्रम की वास्तविकता को सामने लाने के लिए तथा क्षेत्र में चल रहे षड्यंत्र का खुलासा करने के लिए विवेक विचार मंच ने मुंबई उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अंबादास जोशी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की. इस समिति में एड. समीर कांबळे, एड. प्रवर्तक पाठक, पत्रकार किरण शेलार, वनवासी क्षेत्र के कार्यकर्ता संतोष जनाठे, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी लक्ष्मण खरपडे शामिल रहे. समिति के कुछ सदस्यों ने पालघर जिले के तलासरी तालुका की यात्रा कर स्थानीय जनजाति कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत सदस्य आदि से बातचीत की.

सोशल मीडिया पर व अन्य माध्यमों से प्राप्त तथ्यों का अध्ययन किया. जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है. जांच समिति की रिपोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और राज्य के पुलिस महानिदेशक को दी गई है.

पालघर घटनाक्रम पर गठित जांच समिति अपनी रिपोर्ट 16 जून को मीडिया के लिये जारी करेगी. इसके लिए वेबपत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया है. समिति की ओर से मंगलवार सुबह 11 बजे रिपोर्ट जारी की जाएगी.

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