वाराणसी. आमजन तक सही संदेश पहुंचाने के उद्देश्य से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से वाराणसी के रविंद्रपुरी में “काऊ मिल्क पार्टी” (गाय का दूध) का आयोजन किया गया. पार्टी हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी भी उपस्थित थीं. उन्होंने गाय का दूध पिया और गो संरक्षण का सन्देश दिया. धर्मगुरुओं के साथ ही पार्टी में चिकित्सकों ने भी भाग लेकर गाय के दूध का महत्व बताया और गाय का गोश्त (बीफ) खाने से होने वाली बिमारियों की जानकारी दी.
बीफ पार्टी देकर समाज में नफरत फैलाने वालों और एक खास वर्ग के बच्चों को बीमार रखने की साजिश के खिलाफ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (काशी) के संरक्षक डॉ. हेमंत गुप्ता के नेतृत्व में काऊ मिल्क पार्टी का आयोजन किया गया. सभी धर्मों के धर्मगुरुओं, चिकित्सकों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गौ-हत्या को सामाजिक स्वीकृति न होने की बात कही. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद अजरुद्दीन ने सभी को गाय का दूध बांटा और गौ रक्षा की शपथ दिलवायी.
“काऊ मिल्क पार्टी” का उद्घाटन मौलाना मकसूद अहमद कादिरी ने पंडित ऋषि द्विवेदी को दूध पिलाकर किया. मौलाना मकसूद अहमद कादिरी ने कहा, “गाय का गोश्त बिमारी है और गाय का दूध अमृत. किसी भी धर्मावलम्बी को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे फसाद हो. इसलिए इस बार भोलेशाह दीवान के उर्स पर सिर्फ शाकाहारी प्रसाद बनवाया गया था क्योंकि उसमें हिन्दू और मुसलमान सभी शामिल हुए. आह्वान किया कि गाय के दूध का उपयोग कर अपने बच्चों को बुद्धिमान बनाएं और गाय का गोश्त खिलाकर बीमारी न बांटें और न ही गाय काटकर फसाद फैलाएं.
मैत्री भवन के निदेशक फादर चंद्रकांत ने कहा कि जब किसी बच्चे की मां मर जाती है तो डॉक्टर उस बच्चे के लिए गाय का दूध ही पीने की सलाह देते हैं. एक गाय अपने जीवन में अपने दूध से 24 बच्चों का पालन कर सकती है.
पंडित ऋषि द्विवेदी ने कहा कि अथर्ववेद के अनुसार गाय में 33 कोटि देवता विराजते हैं. दुर्भाग्य से मां (गाय) पर संकट है, चाहे वह गौमाता हो, गंगा मैय्या हो, भारतमाता हो या धरती माता हो. शास्त्रों में शुक्र गृह के समाधान के लिए गोपालन बताया गया है. नौ ग्रहों की शांति के लिए अलग-अलग ढंग से गाय को पूजा जाता था.
प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. मोनिका गुप्ता ने बताया कि गाय का दूध मां के दूध के समान औषधियुक्त और गुणकारी है जो बच्चों में बिमारी से लड़ने की क्षमता पैदा करता है. गाय के दूध से खून की कमी नहीं होती, मस्तिष्क का विकास होता है और कैंसर जैसे रोग से लड़ने में भी सहायक होता है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, काशी प्रान्त के संरक्षक डॉ. हेमंत गुप्ता ने बताया कि गाय का गोश्त खाने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है, लीवर खराब होता है, बच्चों का मानसिक विकास नहीं हो पाता है. बीफ से कैंसर की संभावनाएं बढ़ती हैं, खासकर आंतों के कैंसर का. प्रजनन क्षमता घट जाती है और एक असाध्य मानसिक रोग “मैड काऊ डिसीज” हो जाता है, जिससे आदमी पागल हो जाता है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के बच्चों और आने वाली पीढ़ी को कमजोर बनाने की साजिश का हिस्सा है गौकशी. विदेशी ताकतों की चाल है कि गाय का गोश्त खाकर लोग बीमार और कमजोर बने रहें.
नाजनीन अंसारी ने कहा कि “काऊ मिल्क पार्टी में सभी ने प्रण लिया है कि मुस्लिम महिलाओं को जागरूक किया जाएगा कि वे काऊ मिल्क का ही सेवन करें और घरों में बीफ बनना बंद हो