नागपुर (विसंकें). युवा जागरण समिति नागपुर द्वारा “जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय का सच” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर जी ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्य का विषय है कि जिस देश में वीर हनुमनथप्पा जैसे सैनिक देश के लिए बलिदान देते है, उसी देश में जेएनयू परिसर में राष्ट्रविरोधी नारे कुछ राह भटके युवक दे रहे हैं, यह बहुत ही निंदनीय घटना है. एक शहीद के वीर परिवार के सामने जेएनयू जैसे चिंताजनक विषय को रखना बहुत कठिन है, मगर सत्य सामान्य जन के सामने रखना अनिवार्य है. विवि परिसर में कुछ छात्रों ने राष्ट्र विरोधी नारे लगाये और कश्मीर की आजादी, अफजल गुरु के समर्थन में और भारत के खिलाफ नारेबाजी की. सांस्कृतिक संध्या की आड़ में इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन के बारे में जब विद्यार्थी परिषद के छात्रों को पता चला, तो उन्होंने घटना का विरोध भी किया और भारत माता की जय के नारे भी लगाए. बाद में विवि प्रशासन औऱ दिल्ली पुलिस को घटना के बारे में सूचित किया. तब ये सारा मामला देश और मीडिया के समक्ष आया.
आंबेकर जी ने जेएनयू में वामपंथी विचारधारा के प्रभाव पर कहा कि इस तरह के देश विरोधी नारे एवं कार्यक्रमों का आयोजन पहले भी होता था. पर, विवि प्रशासन न कभी ध्यान देता था, न ही कोई कार्रवाई करता था. यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा प्रायस है जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी की बाते करते हैं, वही लोग जेएनयू में किसी दूसरी विचारधारा को पनपने नहीं देना चाहते. सरकारी पैसे, सरकारी व्यवस्था और सभी सुविधाओं का लाभ लेकर ये सब लोग देश विरोधी कृत्य करने के लिए युवा वर्ग को बरगलाने का काम किया जाता है. वामपंथी शिक्षकों का भी सहयोग कार्य में रहता है. वामपंथी विचारधारा ने भारत को कभी एक देश, एक राष्ट्र माना ही नहीं, अपितु ये लोग भारत के इतिहास के साथ खिलवाड़ करके गलत जानकारी देकर युवा वर्ग को भ्रमित करते है और हमारे पाठ्यक्रमों में इनका प्रभाव बहुत ज्यादा होता है, यह बड़ी चिंताजनक बात है. इस प्रकार के कार्यक्रमों द्वारा देश का माहौल खराब करना तथा देश में सामाजिक अस्थिरता और आराजकता निर्माण करके समाज में गलत धारणाएं पैदा करना, यही कार्य ये लोग करते हैं.
उन्होंने कहा कि बहुत ही शर्म की बात है कि जेएनयू मामले में विद्यार्थियों को कुछ शिक्षकों का भी समर्थन हासिल है, लेकिन कर्मचारियों ने घटना पर विरोध का रुख अपनाया, वो राष्ट्रप्रेम का ज्वलंत उदाहरण है. देश के प्रत्येक नागरिक को जेएनयू की घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और उस पर चिंतन कर समाज में जागृति लानी चाहिये. यह घटना सिर्फ जेएनयू नहीं, बल्कि पूरे भारत की है. भारत की अखंडता और संप्रभुता पर आक्रमण है. कुछ लोग मुद्दे को भटकाने की और इसे मानवाधिकार का मुद्दा बना रहे हैं. जिनमें कई तथाकथित बुद्धिजीवी शामिल हैं जो न्याय व्यवस्था और सरकर को बेवजह घसीट रहे हैं.
कार्यक्रम में शहीद वीर हनुमनथप्पा का पूरा परिवार उपस्थित था. जिसमें उनकी माताजी, उनकी पत्नी महादेवी जी, 2 साल की नन्ही बेटी औए उनके भाई कार्यक्रम में पूर्ण समय उपस्थित थे. आपनी मन की भावना व्यक्त करते हुए वीर शहीद हनुमनथपा जी की पत्नी महादेवी जी ने कहा कि “मुझे गर्व है – मेरे पति देश के लिए शहीद हो गए. मगर जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में जो देश विरोधी नारे लगे, मैं उससे बहुत आहत हूं.” “अगर हमारा भारत देश ही नहीं बचेगा तो हम क्या करेंगे.” “मुझे बेटा नहीं बेटी है, इस बात का मुझे अफसोस नहीं है और मैं अपनी बेटी को भी उसके पिता समान सेना में भेजूंगी.”
कार्यक्रम में नागपुर के मेयर प्रवीण डटके, सेना के सेवानिवृत्त कर्नल सुनील देशपांडे, सेवासदन संस्था की अध्यक्षा कंचन गडकरी उपस्थित थीं. वीर हनुमनथपा के परिवार को मानपत्र नागपुर की जनता की ओर से अर्पण किया गया. कार्यक्रम में अभिनेता अनुपम खेर जी का वीडियो सन्देश दिखाया गया.