जालंधर (विसंकें). वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय संगठन मंत्री सोमैया जुलू ने वनवासी, गिरीवासी व कंदरावासी समाज को हिंदू समाज का अभिन्न अंग बताते हुए लोगों से अपील की कि वे उनकी सहातार्थ आगे आएं, ताकि वह समाज न तो हमसे पिछड़ा रहे और न ही हमसे बिछड़े. यहां गोपाल नगर में स्थित डाक्टर हेडगेवार भवन (पीली कोठी) में नगर के गणमान्य लोगों के साथ वार्तालाप के दौरान सोमैया जी ने कहा कि आदिकाल में वनवासियों ने भगवान श्रीराम का साथ देकर राक्षसों का अंत किया, मुस्लिमकाल में विदेशी मुस्लिम शासकों का डट कर विरोध किया, परंतु धर्म नहीं बदला और ब्रिटिशकाल में अंग्रेज शासकों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम चलाए. उन्होंने कहा कि वनवासी समाज अंग्रेजों से तो मुकाबला कर गया, परंतु इसाई मिशनरियों के षड्यंत्र का शिकार हो गया. गरीबी, अशिक्षा, मूल हिंदू समाज की अनदेखी के चलते विदेशी धन के बल पर ईसाई मिशनरियों ने शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर इस भोलेभाले समाज का खूब धर्मांतरण किया. देश का पूर्वोत्तर हिस्सा लगभग ईसाई बन चुका है और इसी कारण यहां अलगाववाद व भारत से अलग होने के आंदोलन चल रहे हैं.
सोमैया जी ने कहा कि वनवासी कल्याण व विकास के नाम पर सरकार ने अरबों रूपये खर्चे, परंतु इनका विकास नहीं हो पाया. इससे इन इलाकों में नक्सलवाद, माओवाद बढ़ा. आज जरूरत है इस समाज को गले लगाने की, प्रेम से उनकी सहायता करने की. समाज के सहयोग से वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यों के चलते स्थिति में परिवर्तन आना शुरू हुआ है. आज देश के 13000 वनवासी गांवों में वनवासी कल्याण आश्रम के 18000 सेवा प्रकल्प चल रहे हैं. 50000 गांवों में और सभी जनजातियों से संगठन का संपर्क स्थापित हो चुका है. वनवासी समाज के लोग विकास के रास्ते पर चल पड़े हैं और इस समाज के नौजवान सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. दूसरी ओर वनवासी समाज में अपने मूल को लेकर जागृति पैदा होना शुरू हो चुकी है. लोग अब सवाल पैदा करने लगे हैं कि ईसाई होने से पहले वे क्या थे ? उनकी मूल आस्था क्या थी ? लोग अपनी मूल आस्था की ओर लौटने लगे हैं. लेकिन इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है जो संपूर्ण समाज के सहयोग के बिना संभव नहीं है. उन्होंने समाज के लोगों से वनवासियों के सेवा प्रकल्पों में सहयोग देने, अपनी सेवाएं देने, वनवासी क्षेत्रों में पर्यटन करने, वहां के लोगों से संपर्क स्थापित करने की अपील की, जिससे उनमें अपनेपन की भावना का विकास किया जा सके.
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह-संघचालक ब्रिगेडियर (से.नि.) जगदीश गगनेजा, विभाग संघचालक नरेंद्र जैन, वनवासी कल्याण आश्रम के पंजाब अध्यक्ष पवन गर्ग सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे.