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शहर काजी की मौत पर ग्वालियर की सड़कों पर निकली भीड़, सारे नियम ताक पर

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भोपाल. भारत एक लोकतांत्रिक देश है और कहा जाता है की भारत का कानून देश के प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान है. इस कानून में किसी भी प्रकार से ऊंच-नीच, छोटे-बड़े के लिए भेदभाव की कोई जगह नहीं है. लेकिन, इसी देश में रहने वाले कुछ लोग या यूं कहें कि एक विशेष समुदाय अपने आप को कानून से ऊपर मानता है.

इनकी हरकतें देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि कानून नाम की चीज इन लोगों के लिए महज कुछ शब्दों तक ही सीमित है. ऐसा इसलिए क्योंकि आए दिन समुदाय के लोग सरेआम कानून का उल्लंघन करते और नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए देखे जा सकते हैं. वर्तमान में जहां कोरोना से बचाव के लिए पूरा देश सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है, भीड़ में जाने से बच रहा है, वहीं दूसरी तरफ ग्वालियर में नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गईं.

ग्वालियर के शहर काजी अब्दुल हमीद कादरी का निधन हो जाने के बाद उनके जनाजे में हजारों की संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई, इस दौरान शारीरिक दूरी कहीं नजर नहीं आई. जबकि गाइलाइंस में स्पष्ट उल्लेख है कि इतनी भीड़ एकत्रित नहीं हो सकती है. कोरोना से बचाव के निर्देशों का उल्लंघन. सामान्य लोगों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के विधायक प्रवीण पाठक भी नियमों को ताक पर रखकर शहर काजी के जनाजे में शामिल हुए.

नियमों की धज्जियाँ उड़ाने का यह पहला मामला नहीं

समुदाय विशेष के लोगों की यह हरकतें देखकर यही कहा जा सकता है कि इन लोगों को देश की लोकतांत्रिक और कानूनी प्रक्रिया पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है या फिर यह लोग कानून से ऊपर आज भी अपने मजहब को मानते हैं .

खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व भी प्रदेश के ही गुना जिले में सरेआम नियमों को ताक पर रखकर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया था. उस दौरान भी कब्रिस्तान में भारी संख्या में भीड़ जुटी थी, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई.

जमात से लेकर कश्मीर तक नियम ताक पर

दैनिक भास्कर ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भोपाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में रहने वाले नागरिकों द्वारा कोरोना वायरस से बचने के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा, इतवारा और मंगलवारा क्षेत्र के यह नागरिक झुंड बनाकर घूमते हुए नजर आते हैं तो इनमें से ही कई लोग मास्क लगाना भी जरूरी नहीं समझते.

यही नहीं कश्मीर में जुम्मे की नमाज के बाद भारतीय सेना के जवानों पर पत्थर फेंकने की बात हो या फिर दिल्ली का शाहीन बाग, जहां पर सरेआम पत्रकारों को मारा गया और गालियां दी गई. देश में कोरोना के संक्रमण को फैलाने में अहम भूमिका निभाने वाली तबलीगी जमात के लोग यह सभी हमेशा से ही अपने आप को कानून से ऊपर मानते नजर आए हैं.

सक्रिय हुआ प्रशासन आरोपियों पर कार्यवाही

शहर काजी के जनाजे में हजारों लोगों के शामिल होने और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने का यह मामला जब बढ़ता हुआ नजर आया तो स्थानीय प्रशासन भी हरकत में आ गया और संबंधित लश्कर क्षेत्र के तहसीलदार को कोरोना संक्रमण काल में भीड़ एकत्रित होने व अपने कर्तव्य में लापरवाही बरतने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

लेकिन प्रशासन की इस कार्यवाही पर भी सवाल उठता है कि जब ये लोग इन हरकतों को अंजाम देते हैं, तो तुरंत ही प्रशासन द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं की जाती.

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