देहरादून.(विसंके). 11 जनवरी. सोशल मीडिया आम आदमी की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है. इस माध्यम से आज आम आदमी विभिन्न तरह की समस्याओं को कई मंचों पर उठा सकता है और शासन प्रशासन को उन्हें दूर करने के लिए बाध्य कर सकता है. इसके माध्यम से विभिन्न समाचार माध्यमों को भी सचेत किया जा सकता है. सोशल मीडिया ने आज जनसंचार के माध्यमो को जनोन्मुखी होने को बाध्य किया है. आज दुनिया के किसी कोने में बैठा व्यक्ति इनके द्वारा खुद को अभिव्यक्ति प्रदान करने में सक्षम हुआ है.
यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय झा का. वे आज यहां विश्व संवाद केन्द्र देहरादून द्वारा आयोजित सोशल मीडिया और नागरिक पत्रकारिता की एक दिवसीय कार्यशाला के प्रथम सत्र को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पहले अखबार और पाठको में कोई सीधा संबंध नहीं हुआ करता था. अखबारों को पाठको की राय जानने के लिए कई तरह के प्रयत्न करने पड़ते थे लकिन सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें अब तुरंत ही पाठको की प्रतिक्रिया मिल जाती है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने संचार को टूवे ट्रैफिक में बदला है. उन्होंने कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को इस माध्यम का बढ़चढ़ कर प्रयोग करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पहले जब सोशल मीडिया नहीं था तो लोग संपादक के नाम पत्र लिखकर अपनी समस्याओं को अखबारों तक पहुंचाते थे. उन्होंने कहा कि संपादक के नाम पत्र लिखने के मामले में उत्तराखंड का विशेष स्थान है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया अभी नया है और इसके लिए देश में अभी कानूनों की कमी है इसलिए इसका प्रयोग करते समय सावाधानी भी आवश्यक है.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार निशीथ सकलानी ने प्रतिभागियों को नागरिक पत्रकारिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी. निशीथ ने कहा कि आज जमाना नागरिक पत्रकारिता का है. नागरिक पत्रकारिता यानी सिटीजन जर्नलिज्म इसका तात्पर्य है कि समाज का प्रत्येक नागरिक पत्रकार है. उन्होंने कहा कि आज भी समाज का बहुत बड़ा भाग ऐसा है जो पत्रकारिता से अछूता है. यानी जहां पत्रकारों की पहुंच नहीं है. अब ऐसे स्थान और समाज की समस्याओं को दूर करने का दायित्व वहां के नागरिको का है. वहां के आम नागरिक यदि चाहे तो अपनी बात को विभिन्न माध्यमों से समाचार पत्रों और चैनलों तक पहुंचा सकते है और उनका व्यापाक प्रचार प्रसार कर उनको दूर कर सकते है.