नई दिल्ली. दिल्ली में ‘‘ देश बचाने के लिए ‘‘ पीपल मार्च फॉर यूनिटी ‘‘ राजघाट से संसद मार्ग तक पूर्व सैन्य अधिकारियों के नेतृत्व में पीपल फॉर नेशन के बैनर तले लोगों ने उत्साह से भाग लिया. राजघाट से संसद मार्ग तक अद्वितीय विशाल मार्च का उद्देश्य देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करना था. मार्च आरम्भ होने से पहले पूर्व सैन्य अधिकारियों एडमिरल शेखर सिन्हा, एयर मार्शल पीके रॉय, लेफ्टिनेंट जन. रवि साहनी, लेफ्टिनेंट जन. सिन्हा, लेफ्टिनेंट जन. संदीप सिंह, लेफ्टिनेंट जन. आर.एन. सिंह, मेजर जन. राज मल्होत्रा, मेजर जन. चक्रवर्ती, मेजर जन. विजय ढाल और मेजर जन. एनएन गुप्ता ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद जनसमूह का नेतृत्व करते हुए संसद मार्ग तक पैदल मार्च किया. इस अभूतपूर्व मार्च में दिल्ली-एनसीआर की विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, डॉक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर, कला जगत, अधिवक्ता, आईटी से जुड़े लोगों ने उच्च शिक्षण संस्थाओं में सक्रिय देशद्रोहियों का विरोध करते हुए राष्ट्र के प्रति एकजुटता दिखाई.
से.नि. मेजर जनरल ध्रुव सिंह कटोच ने संसद मार्ग में जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के अन्दर कुछ लोग ऐसे हैं, जिनकी तादाद कुछ है वो लोग भाषण देते हैं कि हम देश को तोड़ेंगे. उसका जवाब साफ है और सीधे अर्थों में है कि हम देश को जोड़ेंगे और जोड़ते रहेंगे.
मेजर जन. चक्रवर्ती ने कहा कि जो बात-बात पर देश के अपमान की बात करते हैं और हर क्षण टुकड़े-टुकड़े करने की बात करते हैं. शायद वो भूल रहे हैं कि यह देश सुभाष चन्द्र बोस, शिवाजी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, तात्या टोपे, महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मी बाई जैसे वीर-वीरांगनाओं का है. नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था, ‘इस देश का मान-सम्मान और गौरव भारतीय तिरंगा है. जो कभी झुका नहीं है, इसलिए मेरे प्यारे देशवासियों इसे झुकने न देना. मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि जो इस देश की एकता-अखंडता में विघ्न डालने की कोशिश करेगा या करने की सोचता है, उसे एकजुट होकर जवाब दें.
एयर मार्शल पीके रॉय ने बताया कि इस मार्च का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ देश को जोड़ना है, विघटनकारी ताकतों से देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने के लिए लोगों को जागरूक करना है. पीपल फॉर नेशन किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ा है और न ही किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन करता है. यह मां भारती की संप्रभुता को बचाने के लिए वचनबद्ध है. देश के सभी नागरिकों को राष्ट्र की एकता-अखंडता और सुरक्षा के प्रति एकजुट कर, देश प्रेम का भाव जागृत करने का हमारा प्रयास अभूतपूर्व जनसमूह के आने से सफल हुआ है. और उन लोगों को भी सही सन्देश मिला है जो देश के टुकड़े करना चाहते हैं. जब राष्ट्र है, तभी विचार की अभिव्यक्ति हो सकती है. जब राष्ट्र ही नहीं रहेगा तो किसी भी अभिव्यक्ति की कल्पना नहीं की जा सकती.
से.नि. एडमिरल शेखर सिन्हा ने देशवासियों से आह्वान करते हुए कहा कि भारत की शान तिरंगे को कभी झुकने नहीं देना, क्योंकि यही हमारी आन-बान-शान और एकता का प्रतीक है. इस तिरंगे के साथ 4.5-5 लाख भारत वासियों को आज इस मार्च में देखकर एक बात तो स्पष्ट हो गयी कि इस देश में राष्ट्रवादी भारतीयों की संख्या उन देशद्रोहियों से बहुत ज्यादा है.
लेफ्टिनेंट जन. आरएन सिंह ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब भारतवासी ही माँ भारती की शक्ति हैं. आप लोगों ने इस मार्च में शामिल होकर उन चंद जयचंदों को यह सन्देश दे दिया है कि हम से पहले हमारी मातृभूमि है अर्थात हम अपनी माँ से बेइंतिहा मोहब्बत करते हैं और मातृभूमि के गौरव के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देंगे. यहां पर जो यूथ का सैलाब देखने के लिए मिल रहा है वो भारत को छोड़कर विश्व के किसी अन्य देश में नहीं मिल सकता और इस यूथ को हम सही दिशा दें तो फिर से भारत दुनिया का सर्व शक्तिशाली देश एवं विश्व गुरु बन जायेगा.
भूतपूर्व जस्टिस गंजू के पोते सिद्धार्थ गंजू ने जेएनयू मामले पर कहा कि कुछ दिन पहले मीडिया के माध्यम से देखा-सुना-पढ़ा कि देश के एक महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थान में चंद लोगों द्वारा खुलेआम देश विरोधी प्रोटेस्ट हुआ था. जिससे मुझे तीन दशक पूर्व कश्मीर का वो मंजर याद आ गया जो कुछ वैसा ही था. उस समय भी कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में अलगाववादियों द्वारा मेरे दादा जी के खिलाफ दिया गया था, मकबूल हम शर्मिंदा हैं तेरा कातिल अब भी जिन्दा है, और उसी के कुछ दिन बाद मेरे दादा जी को सरेआम दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया गया था.