करंट टॉपिक्स

प्रस्ताव – हिन्दू समाज के विघटन के षड्यंत्र

Spread the love

प्रयागराज में कुंभ के अवसर पर आयोजित विश्व हिन्दू परिषद् की प्रबंध समिति एवं प्रन्यासी बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए. दूसरे प्रस्ताव में हिन्दू समाज की एकता को तोड़ने के लिए इस्लामिक, चर्च तथा साम्यवादी संगठन हमेशा से कुचक्र रचते रहे हैं. अब कुछ राजनैतिक दल व अन्य संगठन भी अपने निहित स्वार्थों के कारण लोक लुभावने नारे देकर व हिंसा का सहारा लेकर इन षड्यंत्रों को तेजी से बढ़ा रहे हैं. प्रस्ताव में इन प्रयासों की निंदा की गई.

केन्द्रीय प्रबन्ध समिति एवं प्रन्यासी मण्डल बैठक

दिनांक 17 जनवरी, 2019

कुम्भ मेला क्षेत्र, प्रयागराज

प्रस्ताव – हिन्दू समाज के विघटन के षड्यंत्र

हिन्दू समाज की एकता को तोड़ने के लिए इस्लामिक, चर्च तथा साम्यवादी संगठन हमेशा से कुचक्र रचते रहे हैं। अब कुछ राजनैतिक दल व अन्य संगठन भी अपने निहित स्वार्थों के कारण लोक लुभावने नारे देकर व हिंसा का सहारा लेकर इन षड्यंत्रों को तेजी से बढ़ा रहे हैं।

कभी प्रान्तवाद के नाम पर मुम्बई, पंजाब में तो कभी गुजरात में उत्तर भारतीयों को कथित रूप से भगाने के षड्यंत्र सामने आए हैं। कभी भीमा कोरेगांव तो कभी सहारनपुर, कभी पत्थलगढ़ी तो कभी ऊना की घटनाएं यह सोचने पर विवश करती है कि किस भीषणता के साथ हिन्दू समाज को बांटने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

भीमा कोरेगांव (महाराष्ट्र) में दलित-मराठा विवाद पैदा किया जाता है तो पत्थलगढ़ी (झारखण्ड) में चर्च व माओवादी वहाँ की जनजाति समाज को शेष हिन्दू समाज व देश से अलग-थलग करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सहारनपुर (उ0प्र0) में बाबा साहब अम्बेडकर की शोभायात्रा पर हमला करवाकर दलित-सवर्ण के मध्य विवाद पैदा किया गया, वहीं ऊना (गुजरात) में परम्परागत व्यवसाय में लगे दलित की पिटाई करवाकर सामाजिक वैमनस्य पैदा करने का कुत्सित प्रयास किया गया। पिछले कुछ समय से शहरी नक्सलियों के राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र देश के सामने आये हंै। इनके द्वारा हिन्दू समाज को बदनाम करना, आतंकवादी एवं राष्ट्र विरोधी लोगों को प्रोत्साहित करना, भारत के गौरवशाली इतिहास को तोड़ मरोड़कर लोगों को भ्रमित करना, जनजाति क्षेत्रों में नक्सलियों की हर प्रकार से सहायता करना, यहाँ तक कि देश के प्रधानमंत्री की हत्या करने तक का पर्दाफाश हुआ है।

हिन्दू समाज में उत्पन्न हो रहे विभेद में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे ही समूहों तथा संगठनों का हाथ है जो कि विभिन्न जांच एजेन्सियों के द्वारा प्रमाणित भी हुए हैं। केरल व बंगाल जैसी सरकारें भी अपनी संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन करके विभिन्न कृत्रिम आधारों पर हिन्दू समाज का विघटन व दमन करने का प्रयास कर रही है।

पिछले कुछ वर्षों से दलित-मुस्लिम गठजोड़ करने का भी असफल प्रयास हो रहा है। जिन जेहादियों को बाबा साहब अम्बेडकर ने स्वयं बर्बर तथा अविश्वसनीय करार दिया था अब उन्हीं के नाम पर यह दुष्चक्र किया जा रहा है जिसे उजागर करने की आवश्यकता है।

भारत में महर्षि वाल्मीकि जी, सन्त रविदास जी, गुरुनानक देव जी, पूज्य रामानुजाचार्य जी, पूज्य रामानन्दाचार्य जी, नारायण गुरु जैसे पूज्य सन्तों द्वारा हिन्दू समाज की एकता का सदैव प्रयास हुआ है। देश में आयोजित होने वाले कुम्भ तथा अन्य महापर्वों पर भी सम्पूर्ण हिन्दू समाज ने ऊँच-नीच, जात-पात, छुआ-छूत, मत-पंथ व सम्प्रदायों से ऊपर उठकर भाग लिया है साथ ही समय-समय पर ऐसे कुचक्रों का मुँहतोड़ जवाब भी दिया है।

विश्व हिन्दू परिषद हिन्दू समाज से आह्वान करती है कि क्षेत्रवाद, भाषावाद, प्रान्तवाद, जातिवाद व छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर देश को तोड़ने का जो प्रयास किया जा रहा है, उससे दिग्भ्रमित न होते हुए ऐसे कुत्सित प्रयासों का संगठित होकर प्रतिकार करें।  जिन राजनैतिक दलों द्वारा भी ऐसे प्रयास किए जा रहे हों उनसे भी सावधान रहें तथा उचित जवाब दें।

प्रस्तावक: जगन्नाथ साही, बोकारो, झारखण्ड

अनुमोदक: अजीत जैना, गुवाहाटी

17 जनवरी, 2019 – प्रयागराज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *