नई दिल्ली. वर्ष-प्रतिपदा (25 मार्च) से हनुमान जयंती (8 अप्रैल) तक देश भर में मनाए जाने वाले श्रीरामोत्सव के कार्यक्रमों के स्वरूप में विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) ने कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर कुछ आवश्यक बदलाव किए हैं. विहिप के केन्द्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा कि देश में बढ़ते कोरोना के प्रकोप व इस महामारी से निपटने हेतु वैश्विक स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के सन्दर्भ में हमने हिन्दू समाज से आह्वान किया है कि श्रीराम महोत्सव के दौरान वह कोई बड़ी शोभायात्रा या रथ यात्रा या ऐसा कोई आयोजन ना करें, जिससे इस वाइरस को फ़ैलाने में मदद मिलती हो.
सभी राम भक्त अपने अपने घरों या निकट के मंदिरों में शुचिता के साथ एकत्र होकर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दिए गए स्वास्थ्य रक्षा सम्बन्धी निर्देशों का पालना करते हुए “श्रीराम जय राम जय जय राम” 13 अक्षरीय विजय महामन्त्र का जाप करें और कराएं. कार्यकर्ता स्वयं के साथ ही समाज के स्वास्थ्य की भी रक्षा करें. इसके अलावा, सभी हिन्दू घरों पर भगवा पताका फहराएं तथा घरों के बाहर श्रीराम जन्मभूमि का स्टीकर लगाएं.
विहिप महासचिव ने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण भारत के स्वाभिमान की पुन: प्रतिष्ठा है. लाखों वर्षों में जिन सैंकड़ों हिन्दुओं ने श्रीराम जन्मभूमि की मुक्ति के लिए बलिदान दिए तथा निरंतर प्रयास किए, उन सभी का स्मरण भी हम अवश्य करें.
प्रधानमंत्री के आह्वान का स्वागत
देश में महामारी से निडरता पूर्वक लड़ने में दिन-रात जुटे चिकित्सा जगत तथा उससे जुड़े सभी सहयोगियों की कर्तव्य परायणता को नमन् करते हुए परांडे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में जो बातें कहीं, उनका हम स्वागत करते हैं. साथ ही उन सभी का अक्षरशः पालन करने के लिए जनता से आह्वान भी करते हैं. बात चाहे जनता-कर्फ्यू की हो या सामाजिक दूरी बनाने की, बुजुर्गों व बच्चों के घर से बाहर ना निकलने की बात हो या 22 तारीख को सायं 5 बजे पांच मिनिट के लिए सामूहिक करतल ध्वनि करने की, हम सभी को पूरे परिवार व समाज के साथ मिलकर जागरूकता फैलाते हुए अपनी-अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए.