नव-वर्ष पर अर्घ्यदान
गुड़गांव (हरियाणा). गुड़गांव के गौशाला मैदान में प्रतिवर्ष किये जाने वाले अर्घ्यदान के कार्यक्रम में पूरे शहर से सैकड़ों बन्धु-बहनों ने भाग लिया. प्रातः 5:00 बजे उगते सूर्य की प्रथम रश्मियों को अर्घ्य देने के लिए शहर भर से लोगों का जुटना प्रारम्भ हो गया था.
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता उत्तर क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंग लाल गुप्त जी थे. उन्होंने कहा कि भारतीय काल गणना प्रकृति सम्मत् है. जबकि अंग्रेजी कालगणना भानुमति का कुनबा है. आज का दिन भारत माता की जय बोलने वालों के लिए विशेष महत्व का है. भारत माता की जय बोलने वालों की संख्या निरन्तर बढ़नी चाहिए. आज के दिन हम संकल्प लें. भारत में रहने वाला भारत की जय नहीं बोलेगा तो किसकी बोलेगा.
मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा कला परिषद के निदेशक अजय सिंहल जी ने कहा कि हरियाणा सरकार कला के माध्यम से भारतीय मूल्यों व संस्कृति को बचाने के लिए वचनबद्ध है. भारतीय संस्कृति के समवर्धन के लिए हरियाणा कला परिषद समाज के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़ी है. कार्यक्रम के अध्यक्ष मेजर दीन दयाल सैनी ने कार्यक्रम में आए सभी महानुभावों का धन्यवाद किया. इस अवसर पर हरियाणा कला परिषद की ओर से शानदार प्रस्तुतियां दी गईं. और शीतला माता गुरूकुल की ओर से आए बटुकों द्वारा आदित्य हृदय स्त्रोत व चाक्षुसी विद्या पाठ का वाचन किया गया. मंच का संचालन संस्कार भारती के जिला संयोजक राम बहादुर सिंह ने किया, जबकि संयोजन श्रवण दुबे व यशवंत शेखावत द्वारा किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ एकात्मता स्त्रोतम व समापन वन्दे मातरम से हुआ.