हरियाणा के कैथल जिला का धेरड़ू गांव ग्राम विकास का उत्कृष्ट उदाहरण
रोहतक (विसंकें). म्हारे हरियाणे का 5 स्टार गांव. कैथल जिला में इस गांव के विकास और यहां के लोगों की कहानी अनोखी ही नहीं प्रेरक भी है. यह गांव दिखाता है कि किस तरह एकसाथ मिलकर गांवों की तस्वीर को बदल सकते हैं. चाहे स्वच्छता की बात हो या आधुनिक ग्राम सचिवालय की, गलियों-नालियों की साफ-सफाई, या सोलर सिस्टम, हर पहलू विकास की कहानी बताता है.
कैथळ जिला का धेरड़ू गांव पूरी तरह नशा मुक्त है. नशा करने वाले युवा पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान है. रेटिंग में जिले का यह गांव फाइव स्टार है. गांव के काफी लोग इटली में रहते हैं और वहां की सुविधाओं को देखकर गांव के विकास को गति दी, आज गांव फिजा बदल चुकी है. इसी कारण गांव धेरडू को मिनी इटली की संज्ञा भी दी जाती है.
गांव में निगरानी के लिए हर गली, नुक्कड़ और चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. पूरे गांव में 75 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. ग्रामीण सचिवालय भी आधुनिक सुविधाओं से सज्ज है. इंटरनेट और युवाओं के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था है.
गांव धेरड़ू में साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण, मूलभूत सुविधाएं ग्रामीणों को देना, आधुनिक ग्राम सचिवालय, गलियां व नालियों का शहरों की तर्ज पर कार्य, सीसीटीवी कैमरे, सरकारी स्कूल में सोलर सिस्टम, 600 एकड़ खेती में सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध सहित अन्य कार्य करवाए गए हैं. इसके आधार पर सरकार ने ग्राम पंचायत को सम्मानित किया है. केंद्र सरकार ने ग्राम पंचायत को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार दिया है.
विदेशों में शान बढ़ा रहे युवा
गांव के युवा सर्वाधिक अमेरिका, इंग्लैंड, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस व इटली में रहते हैं. पिछले 48 साल से यहां के लोग विदेशों में जाकर जॉब, बिजनेस और खेती करते हैं. पुर्तगाल, सिंगापुर, नार्वे, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित अन्य देशों में भी लोग गए हैं. गांव के लोग सरकारी नौकरियों में भी बड़ी संख्या में हैं.
गांव के सरपंच और अन्य लोगों के अनुसार, गांव का मॉडल किसी विकसित देश जैसा है. विदेश में रह रहे युवा अपनों से मिलने गांव आते हैं तो वहां की व्यवस्थाओं व तौर-तरीकों के बारे में चर्चा करते हैं. इसके बाद उसके अनुरूप गांव को स्वरूप देने में अपना योगदान देते हैं. यह क्रम काफी समय से जारी है. गांव में स्वच्छता को लेकर सर्वाधिक ध्यान दिया जाता है.
धेरड़ू गांव के सरपंच देवी लाल ने बताया कि गांव के करीब 300 लोग विदेश में रह रहे हैं. ये लोग गांव के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं. गांव में श्मशान घाट में भी हर्बल पार्क बना रखा है. इसके साथ ही गांव में आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए ग्राम पंचायत पूरी तरह सजग है. यहां 75 सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाती है. जो अपराध को रोकने में काफी कारगर साबित हो रहे हैं.
गांव धेरड़ू की पंचायत की अपनी 100 एकड़ जमीन है. इससे सालाना गांव को 35 से 37 लाख रुपये की आमदनी होती है. यह राशि गांव के विकास पर ही खर्च होती है. सरकार से मिलने वाली ग्रांट अलग है. गांव पूरी तरह से आत्मनिर्भर है.