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जनता रसोई – गुरुग्राम वासियों की सराहनीय पहल, 3000 से अधिक लोगों की मिटा रही भूख

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तीन लोगों ने प्रयास शुरू किया, दो रेस्टोरेंट के किचन को कम्युनिटी किचन में बदला

नई दिल्ली. कम्युनिटी किचन या कहें जनता रसोई. गुरुग्राम के छोटे से प्रयास ने कुछ ही दिनों अच्छी खासी ख्याति प्राप्त कर ली है. और इसका कारण है कि जरूरतमंदों की सेवा तथा समाज को कुछ वापिस देने की भावना. जनता रसोई, जनता के सहयोग से जनता के लिए, संकट की घड़ी में हजारों लोगों को दो वक्त की रोटी का प्रबंध कर रही है.

देश में कोरोना (चीनी वायरस) पर अंकुश लगाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है. सरकार की ओर से विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं. समाज भी सहयोग कर रहा है. लेकिन लॉकडाउन के कारण रोज कमाकर खाने वाले जैसे रिक्शा चालक, दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले, रेहड़ी लगाने वाले, किसी दुकान या छोटे उद्योग में काम करने वाले लोग के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हुई है. सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन समाजजन भी पीछे नहीं हैं. ऐसा ही एक प्रयास है जनता रसोई….

गुरूग्राम निवासी अद्वैता काला, अर्जुन पांडे और अंबिका कपूर ने मिलकर संकट के दौर से गुजर रहे जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने का प्रयास शुरू किया. उनका लक्ष्य था कि गुरुग्राम में कोई भी भूखा ने सोए. प्रतिदिन 180 भोजन पैकेट से शुरूआत की, जिसके बाद साथी जुड़ते गए और कारवां बढ़ता गया. अन्य आरडब्ल्यूए ने भी सहयोग देना प्रारंभ किया. एक रेस्टोरेंट के किचन को कम्युनिटी किचन में बदला गया, और मांग के अनुसार भोजन के पैकेट तैयार करना शुरू किए. क्षेत्र के लोगों से आग्रह किया गया कि उनके क्षेत्र में कोई जरूरतमंद है तो बताएं, उन्हें भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा. इस प्रयास में अन्य लोगों ने भी सहयोग शुरू किया. अब सप्ताह बाद एक अन्य रेस्टोरेंट के किचन को भी कम्युनिटी किचन में बदल दिया गया है. 30 मार्च को 2500 पैकेट जरूरतमंदों में वितरित किए गए. और 31 मार्च को उनकी संख्या 3500 से अधिक हो गई.

दिल्ली से गुरुग्राम होते हुए पैदल ही अपने घरों को रवाना हुए प्रवासी मजदूरों की व्यथा ध्यान में आई तो गुरुग्राम पुलिस के सहयोग से सुभाष चौक में उन्हें भोजन व पानी उपलब्ध करवाया. इस प्रयास में गुरुग्राम की विभिन्न आरडब्ल्यूए (रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) भी जुड़ गई हैं.

अद्वैता काला का कहना है कि प्रयास केवल इतना से है कि महामारी के खिलाफ जंग की विकट परिस्थिति में क्षेत्र में कोई भी भूखा न रहे. समाज को वापिस लौटाने का समय है तो उसमें हमारा भी योगदान रहे.

https://twitter.com/editorvskbharat/status/1243837795149332481

 

 

 

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