हरिद्वार. विश्व हिन्दू परिषद केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल (उपवेशन) की बैठक अखण्ड परमधाम आश्रम हरिद्वार में संपन्न हुई. बैठक का शुभारंभ अखण्ड परमधाम के परमाध्यक्ष युग पुरुष स्वामी परमानंद महाराज, निर्वाणी पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती, स्वामी अविचलदास, स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती महाराज ने किया. बैठक की अध्यक्षता जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने की. इस उपवेशन की प्रस्तावना विहिप के महामंत्री मिलिन्द परांडे ने रखते हुए कहा –
- रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए.
- देश के सभी मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर किया जाए.
- देश की एकता अखण्डता को खतरा पैदा करने वाली धर्मांतरण एवं सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाले विषयों पर चर्चा कर समाधान करने का प्रयास किया जाए.
- मद्रास हाईकोर्ट द्वारा पलनीय के कार्तिकेय मंदिर के संदर्भ में लिए गए निर्णय कि भक्तों का ट्रस्ट बनाकर मंदिर में पूजा-अर्चना की जाएगी एवं उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में उत्खनन के आदेश का स्वागत किया गया.
उपवेशन में उपस्थित समस्त संतजनों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा मंदिरों का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए. इस विषय पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. साथ ही निर्णय लिया गया कि अधिग्रहित मंदिरों का सरकारी नियंत्रण समाप्त होना चाहिए. इसके लिये जनजागरण का अभियान चलाने का संकल्प भी लिया गया. उपवेशन में उपस्थित उत्तराखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चार धाम देव स्थानम् बोर्ड विधेयक के विषय में संत समाज को आश्वासन देते हुए कहा कि इस विषय पर विचार किया जाएगा. इस अवसर पर उन्होंने कुंभ क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त करने की घोषणा के साथ ही कुंभ के लिए संतों को होने वाली भूमि आवंटन की स्थाई डिजिटल व्यवस्था की भी घोषणा की. जो संतजनों का आदेश होगा उसका पालन होगा. उपवेशन में लव जिहाद और धर्मांतरण पर व्यापक चर्चा की गयी. अयोध्या में निर्माणाधीन भगवान श्रीराम के मंदिर की प्रगति एवं वर्तमान स्थिति के बारे में तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री एवं विहिप के केन्द्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने जानकारी दी तथा श्रीराम मंदिर समर्पण निधि अभियान के विषय में केन्द्रीय संगठन मंत्री विनायक राव देशपांडे ने भी विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की.
इस अवसर पर आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद की यह बैठक संत समाज के विचारों का मंथन है, जिससे अमृतरूपी विचार निकलेंगे. जिससे सम्पूर्ण विश्व में सार्थक संदेश जाएगा. म0म0 स्वामी हरिचेतनानंद ने देश की ज्वलंत समस्या लव जिहाद पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि यह विधर्मियों की सोची समझी साजिश है, जिसके खिलाफ केन्द्र सरकार प्रभावी कानून बनाए. शादाणी दरबार के नवम् पीठाधीश्वर डॉ. युधिष्ठर लाल ने संत समाज से आग्रह करते हुए कहा कि पाकिस्तान से आने वाले हिन्दुओं को भारत में शरण मिलनी चाहिए, वहां हिन्दुओं की जो दुर्दशा हो रही है व हिन्दुत्व के ही नहीं, मानवता के लिए भी चिंता का विषय है. म0म0 स्वामी ज्ञानानंद गीता मनीषी, स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि महाराज, म0म0 स्वामी प्रेमानंद, म0म0 स्वामी रूपेन्द्राप्रकाश, स्वामी चिदानंद मुनि, स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती आदि संतगणों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मंदिरों का अधिग्रहण समाप्त हो, देश की भूमि पर बढ़ती जा रही अवैध कब्रगाहों, मजारों पर प्रतिबंध लगे, देश में मठ-मंदिरों पर सरकारी टैक्सों को समाप्त किया जाए. गौ, गंगा की रक्षा के लिए निरंतर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया जाए.
दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा देव स्थानम् बोर्ड में जोड़े गये 51 नये मंदिरों को इससे मुक्त करने के साथ ही बोर्ड की समीक्षा के आश्वासन पर हर्ष व्यक्त किया. उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में प्रसन्नता व्यक्त की. इस अवसर पर निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी, स्वामी कृष्णाचार्य डॉ. रामेश्वरदास वैष्णव, म0म0 स्वामी ललितानंद गिरि महाराज, महंत नौत्तम स्वामी, योगीराज दिव्यानंद, डॉ. श्याम देवाचार्य, महंत कन्हैया दास, स्वामी अखिलेश्वर दास, स्वामी कृष्ण चैतन्य स्वामी, स्वामी परमानंद, महंत उमेश नाथ-उज्जैन, स्वामी परमानंद सरस्वती-राजकोट, स्वामी चिदानंद मुनि, महंत विष्णुदास, महंत फूलडोल बिहारी दास जी, महंत सांवरिया बाबा, महंत राजेन्द्र दास, महंत रामजी दास, महंत गौरी शंकर दास, महंत धर्मदास, महंत वंशीवट पीठाचार्य जयराम दास, महंत सुरेश दास, महंत वैष्णव दास, महंत परशुराम दास, म0म0 हरिहरानंद, स्वामी प्रखर महाराज, स्वामी विश्वेश्वरानंद-रोहतक, स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती, स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि, स्वामी अभयानंद सरस्वती, स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि, स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी चिंतप्रकाशानंद, स्वामी रवीन्द्रपुरी-निर्वाणी, महंत दुर्गादास, महंत रघुमुनि, मुख्यिा महंत भगतराम, महंत जगतार मुनि, स्वामी हंसराम, आदि उपस्थित रहे.
उपवेशन का संचालन विहिप के केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने किया. उपवेशन में पधारे संतजनों का स्वागत विहिप के संरक्षक दिनेश चन्द्र, कार्याध्यक्ष अलोक कुमार, महामंत्री मिलिंद परांडे, संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा, सहित अन्य पदाधिकारियों ने किया.