जबलपुर. प्रदेश में लव जिहाद के मामले लगातार आ रहे हैं, अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता इसी लव जिहाद के चलते राज्य की संस्कारधानी जबलपुर में बेसबॉल की नेशनल प्लेयर संजना वरकडे को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा तो वहीं, बीते दिनों एक निकाह का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लड़की के माता-पिता एसपी ऑफिस में गुहार लगाते नजर आए थे कि हमारी बेटी को वापिस दिला दो. अब इस मामले में नया मोड़ आया है. बेटी तो घर वापिस नहीं आई, लेकिन मुस्लिम युवक से शादी करने पर माता-पिता नर्मदा तट पर बेटी अनामिका का पिंडदान करने जा रहे हैं, इसके लिए उन्होंने कार्ड छपवाकर समाज के बीच बांटे हैं.
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व मामला सामने आने के बाद जबलपुर में एसपी दफ्तर में बड़ा हंगामा देखने को मिला था. हिन्दू संगठनों के साथ लड़की के माता-पिता बेटी के धर्म परिवर्तन, निकाह के कार्ड में उनका नाम होने पर लड़के पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. लेकिन जब एंगल अपनी मर्जी से जाने का सामने आया और लड़की अपने माता-पिता के पास आकर नहीं रहना चाहती है, तब ऐसे में मां-बाप अपनी बेटी अनामिका को मृत मानकर उसके पिंडदान की तैयारी में लग गए. रविवार को नर्मदा तट पर अनामिका के शोक में मृत्युभोज और पिंडदान आयोजित किया गया है.
दरअसल, जबलपुर में लव जिहाद के इस मामले में मुस्लिम लड़के अयाज खान ने पहले हिन्दू बन कर लड़की अनामिका दुबे से चैट शुरू की. फिर उसे अपने प्रेमजाल में फंसाया, उससे कोर्ट मैरिज की. लड़की अपने पिता के घर सामन्य रूप से रहती रही, लेकिन अब जब सामाजिक मुस्लिम रिवाजों के साथ किए जाने वाले उसके निकाह का शादी कार्ड, जिसमें उसका नाम भी बदलकर अनामिका की जगह उजमा फातिमा कर दिया गया है, वह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब जाकर लड़की के घर वालों को पता चला कि सात जून को दोनों निकाह करने जा रहे हैं. मुस्लिम लड़के अयाज खान ने उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन भी करा दिया है. ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म में जिस तरह से लव जिहाद का रूप दिखाने के साथ ही धर्म परिवर्तन को दिखाया गया, वैसा ही वाकया यहां घटता हुआ दिखाई दिया.
अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस शोक संदेश में परिवार वालों ने अनामिका का फोटो भी लगाया है. लड़की के पिता चंद्रिका प्रसाद दुबे इस घटना के बाद काफी स्तब्ध हैं, वे ज्यादा किसी से कुछ बातचीत नहीं कर रहे, लेकिन बहुत कुरेदने पर बोले कि जब उन्हें पता चला कि दोनों मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह करने की तैयारी में हैं. निकाह की तारीख सात जून दी गई है. कार्ड में बेटी अनामिका का नाम उजमा फातिमा लिखे होने के साथ मेरा भी नाम लिखा है. सोशल मीडिया पर वायरल इस कार्ड को देखकर हमारे परिवार के सभी लोग सकते में आ गए कि हमारी बेटी ऐसा कैसे कर सकती है.
पिता का आरोप है कि ब्राह्मण परिवार की बेटी का ब्रेन वॉश कर धर्म परिवर्तन कराया गया है. अनामिका की मां का कहना है कि वह अब उनके लिए मर चुकी है. उसने अपने धर्म को त्याग दिया है, लेकिन हमारे संस्कार अभी जीवित हैं. इसलिए अपनी बेटी के हर वो संस्कार पूरे करेंगे जो किसी परिजन की मौत के बाद किए जाते हैं.
मामले में पुलिस का कहना है कि उसे इसमें लव जिहाद का एंगल नहीं मिला, माता-पिता भी इस शादी के लिए राजी थे. जबकि जमीनी सच्चाई कुछ ओर ही दिखाई दे रही है. क्योंकि यदि माता-पिता शादी के लिए राजी थे, तब वे अनामिका का अब शोक संदेश कार्ड छपवाकर मृत्यु भोज और पिंडदान क्यों कर रहे हैं?
हिन्दू संगठन के नेता योगेश अग्रवाल एवं हीरा तिवारी ने इसे ‘एडवांस लव जिहाद’ बताया है. यानि मुस्लिम लड़के द्वारा हिन्दू लड़की से पहले गुपचुप कोर्ट मैरिज उसका धर्म परिवर्तन करवाकर आगे की साजिश रचkर सामाजिक तौर पर निकाह करना. शादी के कार्ड को वायरल कर लड़की के माता-पिता व परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का षड्यंत्र भी रचा गया था.
यह जांच का विषय है!
भले ही आज अनामिका के माता-पिता उसका पिंडदान कर रहे हैं, लेकिन कहना होगा कि लव जिहाद के इस मामले को देखकर लगता है कि एनआईए की हाल में की गई जबलपुर की छापामार कार्रवाई में जो राज ये आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी उगल रहे हैं. जमीनी तौर पर वह उसे संभवत: अयाज खान जैसे लड़कों के माध्यम से ही हकीकत में बदलने में लगे हुए थे, जिसमें पहले हिन्दू बनकर लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाया गया, उसके साथ फिजिकल संबंध बनाए गए और फिर ब्रेशवॉश का खेल शुरू किया गया. यह भी एक जांच का विषय जरूर है कि कहीं जबलपुर का रहने वाला भी तो उन पकड़े गए आतंकियों के संपर्क में नहीं था, क्योंकि पैटर्न वही है, लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाने का.
राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर लगाम लगाने, लव जिहाद को रोकने के लक्ष्य से मध्यप्रदेश विधानसभा में ‘मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021’ पारित किया गया था. जो बाद में ‘धर्म स्वातंत्र्य कानून’ बना और इसके प्रावधानों के अनुसार शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. लेकिन लगता है कि जो लव जिहाद करने में लगे हैं, ऐसे लोगों को शासन एवं कानून का भय नहीं है.
इन माता-पिता को जिन्हें जिंदा रहते हुए भी अपनी बेटी का पिंडदान करना पड़ रहा है, देखकर यही लग रहा है कि इतने सब कड़े नियम-कानून होने के बाद भी ‘लव जिहाद’ के मामले एक के बाद एक आना जारी हैं. इस्लामिक चरमपंथी हिन्दू बनकर नाम बदलकर लव जिहाद को अंजाम देने में लगे हुए हैं.
– डॉ. मयंक चतुर्वेदी