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‘भारत माता की जय’ बोलने और तिरंगे को 21 बार सलामी देने की शर्त पर मिली हिन्दुस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाने वाले आरोपी को जमानत

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जबलपुर.

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाने वाले एक युवक को सशर्त जमानत प्रदान की. रायसेन निवासी फैजल उर्फ फैजान, पर हिंदुस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का आरोप है. आरोपी को हर माह के पहले और चौथे मंगलवार को तिरंगे को सलामी देनी होगी और ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाना होगा. आरोपी ​​फैजान को 50 हजार रुपए के बॉन्ड पर जमानत दी गई.

जस्टिस डीके पालीवाल की एकल पीठ ने आदेश में कहा कि आरोपी को कुछ शर्तें लगाकर जमानत पर रिहा किया जा सकता है ताकि उसमें देश के प्रति जिम्मेदारी और गर्व की भावना पैदा हो, जिसमें वह पैदा हुआ और रह रहा है.

फैजल को भोपाल पुलिस थाने में तिरंगे को 21 बार सलामी देनी होगी और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने होंगे. यह हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 से 12 बजे के बीच करना होगा.

न्यायालय ने अपने आदेश में निर्देश दिया कि जमानत कागजातों में इस शर्त का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाए और इसका पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही उच्च न्यायालय के आदेश की एक प्रति भोपाल पुलिस आयुक्त को भेजी गई है.

14 आपराधिक मामलों का सामना कर रहा फैजल

फैजल उर्फ फैजान पर देश के खिलाफ नारे लगाने के साथ-साथ दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का भी आरोप है. मामले में 17 मई, 2024 को भोपाल के मिसरौद थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोपी फैजल उर्फ ​​फैजान को इसी साल 17 मई के दिन भोपाल की मिसरोद थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था. नारे लगाने का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ थाने में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153बी के तहत कार्रवाई की थी.

उसके खिलाफ दर्ज कुल 14 आपराधिक मामलों का हवाला देते हुए अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में फैजल की जमानत का विरोध किया. अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता सीके मिश्रा ने तर्क दिया कि जिस देश में फैजल ने जन्म लिया और पला-बढ़ा, उसी के खिलाफ उसने नारे लगाए, जिससे राष्ट्रीय एकता और सद्भाव को नुकसान पहुंचा है.

अभियोजन पक्ष ने एक वीडियो क्लिप प्रस्तुत की, जिसमें फैजल को पाकिस्तान जिंदाबाद और हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. क्लिप को मुख्य साक्ष्य मानते हुए उच्च न्यायालय ने फैजल की जमानत पर विचार करते हुए यह अनोखी शर्त लागू की.

उच्च न्यायालय ने यह अनोखा निर्णय इस विचार के साथ दिया कि आरोपी के मन में देश के प्रति प्रेम और गर्व की भावना पैदा हो सके. न्यायमूर्ति ने अपने फैसले में यह सुनिश्चित किया कि इस प्रकार के मामलों में आरोपियों में जिम्मेदारी और सम्मान की भावना विकसित की जाए.

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