फोटो – अवध प्रांत
नई दिल्ली. कोरोना के समय में जब हर व्यक्ति डरा हुआ है, अपने परिवार के व्यक्तियों में कोरोना होने पर उसका साथ भी छोड़ रहा है. जिन्हें कोरोना के कारण अपने परिवार रिश्तेदारों ने अलग कर दिया या पहले से अकेले थे या अति वृद्ध थे, उन सभी के लिए संघ के स्वयंसेवक सेवा भारती के साथ मिलकर दवा, भोजन, उनके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था तथा अन्य समस्याओं में उनके साथ खड़े हैं. कई बार अस्पताल प्रशासन तथा पुलिस से लड़कर उन्हें उचित मेडिकल व्यवस्था और सहायक दिलाने में मदद करते हैं. यही नहीं जब व्यक्ति कोरोना की वजह से देह त्याग कर देता है, उस समय भी कई बार व्यक्ति का परिवार उनके अंतिम संस्कार में साथ नहीं जाता तो संघ के स्वयंसेवक उनकी अंतिम यात्रा में भी उनका साथ देते हैं.
एक घटना का वर्णन करना चाहूंगा, यह घटना मीठापुर नगर के गगन विहार की है. यहां पर एक बुजुर्ग दंपत्ति बेटी के साथ रहता था. भाषा की विविधता के कारण उनका स्थानीय स्तर पर कोई संपर्क नहीं था. इनकी तबीयत कोरोना के कारण बहुत खराब हो गई. यह बात स्थानीय स्वयंसेवकों को पता चली तो उन्हें कार में लेकर कई अस्पतालों में प्रयास किया पर एडमिशन नहीं मिली, उन्होंने 9 बजे अंतिम सांस ली. इसके बाद पुलिस को फोन किया गया, पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. एम्बुलेंस भी बुलाई गई तो उसने मनमाने पैसे मांगे. बाद में स्वयंसेवकों ने सेक्टर 37 फरीदाबाद के शमशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया. उनके परिवार या रिश्तेदारों में से कोई साथ नहीं था.
कालिन्दी कुंज नगर में रहने वाले पवन जी का परिवार मोबाइल के व्यवसाय में है, कोरोना संक्रमण ने पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया. कोरोना के चलते पवन जी की मृत्यु अस्पताल में हो गई और अस्पताल के अधिक खर्चों के कारण उनके परिवार के पास इतनी राशि नहीं रही कि वह उनका अंतिम संस्कार कर पाते और खुद पूरा परिवार होम क्वारेंटाइन होने की वजह से शव काफी समय तक अंतिम संस्कार से वंचित रहा. जानकारी मिली तो वहां के स्थानीय स्वयंसेवकों ने संज्ञान लिया और राशि इकट्ठा कर शमशान घाट पर गए, वहां पर पवन जी का अंतिम संस्कार कराया.
यह सिलसिला यहीं समाप्त नहीं होता. बदरपुर जिले के प्रत्येक नगर की तरह सौरभ विहार ने एक टोली बनाई है जो ऐसे लोग जिनकी कोरोना के कारण मृत्यु हो जाती है और परिवार या रिश्तेदार कोरोना के डर से अंतिम संस्कार में साथ नहीं आते तो संघ के स्वयंसेवक अंतिम क्रिया संपन्न करवाते हैं.
जब कई लोग और मीडिया व्यवस्था को कोसने में लगे हैं तो उसी बीच में संघ के स्वयंसेवक सभी सावधानियों का पालन करते हुए समाज में न केवल सकारत्मकता का भाव जगा रहे हैं, बल्कि उन्हें इस समस्या से बाहर निकालने का हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं.